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UP में 2027 तक बिछेगी नई रेल लाइन, बनेंगे 12 नए स्टेशन, सैकड़ों गांवों से गुजरेगा ट्रैक

UP News : उत्तर प्रदेश में सड़कों के साथ-साथ रेल लाइनों पर भी तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ प्रदेश में इस जिले को 82 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की सौगात मिली है। इस रेल लाइन का निर्माण हो जाने के बाद यात्रियों के लिए नई राहा खुलेगी साथ ही व्यापार लॉजिस्टिक्स और स्थानीय विकास के लिहाज़ से भी गेमचेंजर साबित हो सकती है। 

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UP में 2027 तक बिछेगी नई रेल लाइन, बनेंगे 12 नए स्टेशन, सैकड़ों गांवों से गुजरेगा ट्रैक

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में जितनी तेजी से एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है उतनी तेजी से अब रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की कवायद योगी सरकार की तरफ से और तेज कर दी गई है। इसी के साथ सहजनवां-बांसगांव के बीच रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से प्रगति पर है और इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह रेलमार्ग गोरखपुर से वाराणसी, छपरा और प्रयागराज के लिए नया विकल्प होगा। इस परियोजना के लिए 1320 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। 81.17 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने के लिए 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। 

इस रेलवे मार्ग पर 11 बड़े और 47 छोटे पुल के अलावा 12 स्टेशन बनाए जाने को लेकर 1320 करोड रुपए की धनराशि मंजूर की गई है।  इस रेलवे लाइन पर ट्रेन 12 स्टेशनों से होकर गुजरने वाली है। इस प्रोजेक्ट में चार हाल्ट स्टेशन का निर्माण होगा और 7 क्रॉसिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

सहजनवां-दोहरीघाट रेलवे लाइन का काम अभी पांच साल तक चलेगा। सर्वे के बाद जल्द ही भूमि पूजन के साथ नई रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 81.17 किमी की लाइन का निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके लिए कुछ जगहों पर निहान इन्फ्रास्ट्रक्चर पूर्वोत्तर रेलवे ने जमीन खरीद ली है। 

112 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, इस रेल लाइन को बनाने में कुल 112 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जिसमें करीब 58 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। प्रथम चरण के लिए सहजनवा से बांसगांव के बीच 44.37 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है।

पहले फेज में सहजनवां से बासगांव के बीच 44.37 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। बाकी बची हुई 103.29 हेक्टेयर भूमि के लिए रेलवे ने 20 ए और ई का प्रकाशन कर दिया है। दूसरे चरण के लिए बांसगांव से बड़हलगंज के बीच 185.78 हेक्टेयर भूमि में 16 हेक्टेयर का 20 ए और ई का प्रकाशन हो चुका है। शेष 74.78 हेक्टेयर भूमि के लिए 20 ए का प्रकाशन कर दिया है।

तीसरे चरण के लिए करीब 75 हेक्टेयर भूमि के लिए गजट का प्रकाशन हो चुका है। इस रेलवे लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनेंगे। बांसगांव सबसे बड़ा क्रासिंग स्टेशन होगा। इसके अलावा सहजनवा, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, पुरवाबाजार, बनवापार, गोला बाजार, बरौली, बड़हलगंज, दोहरीघाट स्टेशन बनाए जाएंगे।

जल्द ही भूमि अधिग्रहण पूरी कर ली जाएगी। सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के बन जाने से गोरखपुर से वाराणसी, छपरा, प्रयागराज के लिए एक नया रेलमार्ग तैयार हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे को एक वैकल्पिक मार्ग भी मिल जाएगा। आने वाले दिनों में गोरखपुर ही नहीं पूर्वांचल के लोगों की राह भी आसान हो जाएगी।

गोरखपुर के दक्षिणांचल के लोगों का आवागमन भी सुगम हो जाएगा। दक्षिणांचल के लोगों को आज भी 50 किमी की दूरी तय करने पर ट्रेन मिलती है। रोजगार सृजन के साथ क्षेत्र का विकास होगा। 17 दिसंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस नई रेल लाइन को हरी झंडी मिली थी।

बांसगांव में प्रमुख क्रासिंग स्टेशन

नई रेल लाइन पर 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें बांसगांव एक प्रमुख क्रासिंग स्टेशन होगा। अन्य स्टेशनों में सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, उरुवा बाजार, बनवारपार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज और दोहरीघाट स्टेशन शामिल हैं। बांसगांव समेत सभी स्टेशनों के निर्माण की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है। सहजनवां और दोहरीघाट में पहले से ही स्टेशन हैं, लेकिन इनका भी विस्तार और कायाकल्प किया जाएगा।

घाघरा नदी पर बनेगा 1200 मीटर लंबा पुल

घाघरा नदी पर एक बड़ा पुल भी इस परियोजना में बनाया जाएगा। सहजनवां और दोहरीघाट में पहले से ही स्टेशन है, इनका विस्तार किया जाएगा। घाघरा नदी पर लगभग 1200 मीटर लंबे पुल के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।