MP के उज्जैन-झालावाड़ के बीच नई रेल सेवा शुरू, इन तीन योजनाओं से बदलेगी तस्वीर
MP News : मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच रेल तंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इन दोनों राज्यों के लिए तीन नई परियोजनाओं की तैयारी की जा रही है। पश्चिम मध्य रेलवे ने उज्जैन से झालावाड़ के लिए नई रेल सेवा की तीन योजनाएं तैयार की हैं, पिंक, ब्लू और रेड। इनकी लागत 2836 करोड़, 2727 करोड़ और 2697 करोड़ रुपये है। योजनाओं में अलग-अलग रूट और पुलों की संख्या निर्धारित की गई है।

Rajsthan News : उज्जैन से झालावाड़ के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने को पश्चिम मध्य रेलवे ने योजना तैयार कर ली है। योजना एक, दो नहीं बल्कि तीन है। समझाने को नाम पिंक, ब्लू और रेड रखा है। पिंक योजना 2836 करोड़ रुपये की, ब्लू योजना 2727 करोड़ रुपये की और रेड योजना 2697 करोड़ रुपये की है। तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक का रूट अलग-अलग है। राशि कम ज्यादा होने का कारण पटरी की लंबाई, कर्व और मुख्य पुलों की संख्या है। कहा गया है कि मंत्रालय को जो योजना पसंद आएगी उसे ही धरातल पर उतारा जाएगा।
उज्जैन से झालावाड़ तक का सफर
लोगों को उज्जैन से झालावाड़ तक का सफर वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर कराने के लिए इसी वर्ष फरवरी में केंद्रीय रेल मंत्री ने विस्तृत कार्य योजना बनाने को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की मंजूरी दी थी। इसके पालन में रेलवे ने प्राथमिक स्तर पर तीन योजना बनाई है, जिसका प्रस्तुतीकरण 10 दिन पहले 5 अक्टूबर को हुई सांसद अनिल फिरोजिया के समक्ष भी किया जा चुका है। कहा गया है कि अभी योजना को अंतिम रूप देना शेष है।
फिलहाल की स्थिति में योजना
पिंक योजना 189.100 किलाेमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 38 कर्व, 64 पुल बनाना प्रस्तावित है।
ब्लू योजना 181.80 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 37 कर्व और 45 पुल बनाना प्रस्तावित है।
रेड योजना 177.860 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 36 कर्व और 34 पुल बनाना प्रस्तावित है।
तीनों योजना अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को ध्यान में रखकर बनाई है।
तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक का रूट अलग-अलग
पिंक योजना : उज्जैन से सुरासा, खेड़ावदा, पिपलोनकलां, आगर।
ब्लू योजना : उज्जैन से उज्जैनिया, ढाबलाखुर्द, आगर।
रेड योजना : उज्जैन से जगोटी, पिपलोनकलां, आगर।
(नोट : तीनों योजना में आगर से झालावाड़ा तक का सफर सुसनरे, सोयतकलां, रायपुर के रास्ते प्रस्तावित किया है।)
सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच चलती थी ट्रेन
सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच नैरोगेज ट्रेन चलती थी। उस समय चलने वाली ट्रेन का जेडबी टाइप का इंजिन (तब की कीमत एक लाख 61 हजार 276 रुपये) आज भी उज्जैन रेलवे स्टेशन परिसर में खड़ा है। पश्चिम मध्य रेलवे एक दशक पहले झालावाड़ से रामगज मंडी तक रेल लाइन बिछाकर ट्रेन का संचालन शुरू करा चुकी है मगर झालावाड़ से उज्जैन के बीच रेल अब भी कागजों पर ही चल रही है।
अभी ट्रेन द्वारा उज्जैन से झालवाड़ जाने के लिए लोगों को रामगज मंडी स्टेशन उतरना होता है। यहां से झालावाड़ जाने के लिए प्रतिदिन सुबह 8.10 बजे, दोपहर 3.58 बजे और रात 8.45 बजे ट्रेन मिलती है। उज्जैन से झालावाड़ का सफर आसान बनाने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने उज्जैन से घोंसला तक का रास्ता फोरलेन सड़क में तब्दिल किया है। इसके आगे झालावाड़ तक सड़क 10 मीटर चौड़ी की है। सिंहस्थ- 2028 से पहले इस हिस्से को भी फोरलेन में तब्दिल करने की योजना प्रस्तावित है।