राजस्थान के 3 जिलों में लागु हुआ नया RTO कोड, RJ-64 से होगा वाहनों का पंजीकरण
Rajasthan New: राजस्थान में जल्द ही तीन जिला परिवहन अधिकारी कार्यालयों का उद्घाटन होगा। जिला स्तरीय कार्यालयों के प्रस्तावों को बनाने के बाद शासन सचिव एवं आयुक्त परिवहन एवं सड़क सुरक्षा शुचि त्यागी ने आदेश जारी किए हैं।

The Chopal : राजस्थान में तीन नए जिला परिवहन अधिकारी (DTO) कार्यालय शुरू होने जा रहे हैं, जो प्रदेश में परिवहन सेवाओं को और अधिक सुलभ, तेज़ और पारदर्शी बनाएंगे। राजस्थान में जल्द ही तीन जिला परिवहन अधिकारी कार्यालयों का उद्घाटन होगा। शासन सचिव एवं आयुक्त परिवहन एवं सड़क सुरक्षा शुचि त्यागी ने डीग, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर और खैरथल-तिजारा में जिला परिवहन कार्यालयों और पंजीयन कोड देने का आदेश दिया है। परिवहन विभाग ने राज्य में तीन जिला परिवहन कार्यालयों का उद्घाटन किया है। जिसमें पंजीयन अधिकारी और जिला परिवहन कार्यालयों को पंजीयन कोड और लाइसेंस कोड भी प्रदान किए गए हैं।
वाहनों के नए नंबर
जब जिला परिवहन कार्यालय बन जाएगा, वाहनों को डीग जिले का नया कोड आरजे-63 मिलेगा। नई श्रृंखला में जो नए वाहन बेचे जाएंगे, उनके नंबर भी इसी जिले में होंगे। पुराने वाहनों के नंबर बदले नहीं जाएंगे। वहीं अब आपको भरतपुर नहीं जाना पड़ेगा ताकि वाहनों के रजिस्ट्रेशन में बदलाव, आरसी और टैक्स संबंधी कार्यों को पूरा कर सकें। नवगठित डीग जिले के लोगों को अभी जिला परिवहन कार्यालय से 70 से 75 किमी की दूरी तय करनी होगी। नए जिला परिवहन कार्यालय की शुरुआत से यह दूरी छोड़ी जाएगी।
यह रहेंगे नए पंजीयन कोड:
जिला परिवहन कार्यालय, अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर)
पंजीयन कोड: RJ-62
जिला परिवहन कार्यालय, डीग
पंजीयन कोड: RJ-63
जिला परिवहन कार्यालय, खैरथल-तिजारा
पंजीयन कोड: RJ-64
यह होंगे फायदे
अब लोगों को वाहन पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट आदि के लिए भरतपुर जाने की ज़रूरत नहीं होगी, जिससे समय और यात्रा खर्च की बचत होगी।
स्थायी और लर्निंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया अब स्थानीय स्तर पर आसान और सुलभ होगी।
नए और पुराने वाहनों के पंजीकरण, फिटनेस सर्टिफिकेट और नंबर प्लेट जारी करने की प्रक्रिया अधिक तेज़, पारदर्शी और सुविधाजनक होगी।
व्यवसायिक वाहन मालिकों को टैक्सी, बस, ट्रक आदि के परमिट प्राप्त करने में आसानी होगी, जिससे स्थानीय व्यापार और परिवहन सेवाएं बेहतर होंगी।
वाहन स्वामियों को अब फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और टैक्स संबंधी सेवाएं अपने जिले में ही प्राप्त होंगी।
सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के प्रति स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ेगी।
परिवहन संबंधी समस्याओं और कानूनी मामलों का समाधान अब स्थानीय स्तर पर संभव होगा, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।