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Bihar में अब जिनके नाम जमाबंदी अब सिर्फ वही बेच सकेंगे जमीन, सरकार का नया नियम

Bihar News : उत्पाद मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने बक्सर और डुमरांव के अवर निबंधन पदाधिकारी को पत्र भेजा है। अब जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति के नाम से जमाबंदी होने की पुष्टि करनी होगी। विक्रेता के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी।

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Bihar में अब जिनके नाम जमाबंदी अब सिर्फ वही बेच सकेंगे जमीन, सरकार का नया नियम

Bihar Jamin Jamabandi : किसी और ने मेरी जमीन बेची। जबकि एक व्यक्ति ने अपने भाई का हिस्सा बेच दिया, तो दूसरा अपनी बहन का हिस्सा बेच दिया। चाचा की जमीन पहले ही किसी ने बेच दी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जमाबंदी वाले व्यक्ति अब जमीन बेच सकेंगे। वह ही रजिस्ट्री करेगा। पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए जमाबंदी खुद के नाम से कायम होनी चाहिए और इसका बंटवारा कानून के अनुसार होना चाहिए। यानी की पुश्तैनी जमीन बेचने से पहले बंटवारे का दस्तावेज बनाना होगा। बिहार सरकार ने इसके लिए सभी निबंधन और अवर निबंधन कार्यालयों को पत्र भेजा है। इसके प्रभाव भी शुरू हो गए हैं।

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गुरुवार को बक्सर और डुमरांव निबंधन कार्यालय में केवल कुछ डीड की रजिस्ट्री हो सकी। इस आदेश का असर लंबे समय तक रहेगा। सरकारी राजस्व पर भी इसका असर पड़ेगा, लेकिन भूमि विवाद की घटना अब बहुत कम होगी। साथ ही भू-माफिया के धंधे को गहरा धक्का लगेगा। उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने बुधवार को हाई कोर्ट पटना से पारित आदेश को लागू करने के लिए बक्सर के निबंधन पदाधिकारी और डुमरांव के अवर निबंधन पदाधिकारी को पत्र भेजा है। अब जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति के नाम से जमाबंदी होने की पुष्टि करनी होगी। विक्रेता के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी।

बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को जमाबंदी नियमावली बनाकर यह नियम लागू किया था, लेकिन मामला हाई कोर्ट में चला गया, जहां से इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। बिहार सरकार द्वारा 2019 में लागू जमाबंदी कानून को गत सप्ताह हाई कोर्ट ने वैध ठहराया। अब निबंधन कार्यालय इसे लागू कर रहे हैं। गुरुवार को जिले के दोनों निबंधन कार्यालयों में जमाबंदी के आधार पर ही विशिष्ट दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई।

कम हो जाएंगे भूमि विवाद के मामले

जमाबंदी कानून लागू होने से भूमि विवाद स्वतः कम होने लगेंगे। यह कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। पिता, बाबा और दादा के नाम पर दर्ज जमीन में अपना हिस्सा बताने के बाद जमीन को बिक्री कर दी गई। यह भी मारपीट और हत्या जैसे अपराधों की प्रमुख प्रेरणा थी। भू माफिया अब गिर जाएगा जगह नए रजिस्ट्री जमाबंदी नियमों के बाद भू माफिया अब नहीं रहेगा। उस परिवार के किसी एक सदस्य को लालच देकर, पहले भू माफिया की शहर या बाजार के महंगे भूखंड पर कब्जा कर लेते थे। या तो असली मालिक कोर्ट-कचहरी में फंस गया या अपराधियों के डर से अपना हक छोड़ देता था।

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