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अब Petrol Pump नहीं कर पाएंगे होशियारी, सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान

Petrol Pump - यदि आप भी पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने जाते हैं, तो इस लेख को एक बार पढ़ने की जरूरत है। वास्तव में, आज की इस खबर में हम आपको पेट्रोल पंप पर लगाए जाने वाले कई तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। नीचे खबर में देखें..।

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अब Petrol Pump नहीं कर पाएंगे होशियारी, सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान 

The Chopal, Petrol Pump - हम अक्सर पेट्रोल पंप पर जाकर जीरो चेक करने को कहते हैं। यहाँ तक कि बिना जीरो चेक कराए कर्मचारी तेल भरने लगते हैं। ध्यान न देने पर व्यक्ति अपना नुकसान करता है।

आजकल बहुत से पेट्रोल पंप धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। यह समस्या इतनी बड़ी हो गई है कि देश की संसद तक इसकी चर्चा हुई है। इसलिए संसदीय समिति ने इसे हल करने का सुझाव दिया है। सावधानी बरतने के कुछ सुझाव पढ़ें।

सरकार की योजना है कि ग्राहकों को पेट्रोल पंपों पर धोखाधड़ी की जा रही है। संसदीय समिति ने उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए पेट्रोल पंपों पर ईंधन की मात्रा को ठीक से दिखाने का सुझाव दिया है। समिति ने पाया कि ग्राहकों को सटीक माप, छेड़छाड़ और धोखाधड़ी, सप्लाई चेन और नियमित निरीक्षण की कमी जैसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद कई सुधारों। केंद्रीय और राज्य निकायों को इन बाधाओं को दूर करने के लिए मिलकर काम करना होगा।

उपभोक्ताओं को सभी पेट्रोल पंपों पर शिकायत/सुझाव पुस्तिकाएं मिलती हैं, जहां वे अपनी शिकायतें सुविधाओं, सेवाओं या किसी भी अन्य मुद्दे के बारे में उठा सकते हैं। रीटेल दुकानों में उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली की सराहना करते हुए, समिति ने यह भी कहा कि उपभोक्ता के अधिकार को हर संभव उपाय से बचाना अनिवार्य है।

अपने आप की रक्षा कैसे करें-

पेट्रोल पंप पर डीजल या पेट्रोल भरते समय जीरो और डेंसिटी दोनों चेक करना महत्वपूर्ण है। डेंसिटी फ्यूल की असली या प्योरिटी को बताती है। पेट्रोल पंप पर उत्पादित ऊर्जा की मात्रा राज्य द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए। यदि डेंसिटी निर्दिष्ट सीमा से कम या ज्यादा है, तो फ्यूल में मिलावट हुई है।

इस तरह डेंसिटी जांचें:

पेट्रोल की डेंसिटी 730-800 किग्रा/क्यूबिक मीटर होनी चाहिए। यदि डेंसिटी 730 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम है, तो इसका अर्थ है कि फ्यूल में पानी या कोई अन्य पदार्थ शामिल है। इस तरह आप अपनी जेब पर डाका डाल सकते हैं। यह पेट्रोल आपके कार के इंजन को भी खराब कर सकता है।

डीजल की दक्षता 830-900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए। अगर फ्यूल डेंसिटी इस सीमा से अधिक है, तो तेल में मिलावट है। ऐसा डीजल खरीदने से न केवल पैसे बर्बाद होंगे, बल्कि गाड़ी के इंजन में खराबी आने का भी खतरा रहेगा।

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