PMGKY: इस महीने से PMGKY के तहत बढ़कर मिलेगा गेहूं, स्टॉक में नहीं आएगी कमी
PMGKY:खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बीजेपी सरकार की 100 दिनों में कीये गए काम पर प्रकाश डाला है। मंत्रियों की एक समिति ने पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी मिल गई है। योजना के तहत गेहूं-चावल अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा
The Chopal, PMGKY: सरकार ने गेहूं की कीमतों को स्थिर करने के प्रयास से बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) के लाभार्थियों को अक्टूबर से गेहूं का आवंटन बढ़ाने की घोषणा की गई है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की 100 दिन में कीये गए काम को बताते हुए कहा कि मंत्रियों की एक समिति ने पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत अतिरिक्त 35 लाख टन गेहूं के लिए मंजूरी दी है।
कब तक चलेगा
उन्होंने बताया कि यह बढ़ा हुआ आवंटन मार्च, 2025 तक जारी रहेगा। इस योजना के तहत गेहूं-चावल अनुपात को बहाल करने का प्रयास किया जा सकेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इस बढ़ी हुई मात्रा से गेहूं-चावल का अनुपात बहाल हो जाएगा, सचिव ने बताया कि यह अब भी सामान्य मात्रा से 10-20 लाख टन कम होगा। उन्होंने बताया कि भविष्य के घटनाक्रमों के आधार पर आवंटन की समीक्षा की जा सकती है।
गेहूं की उपलब्धता पूरी
सरकार ने कम घरेलू उत्पादन से आपूर्ति घटने के वजह से मई, 2022 में पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत गेहूं का आवंटन 1.82 करोड़ टन से घटाकर 71 लाख टन करते हुए चावल का आवंटन बढ़ा दिया था। चोपड़ा ने पिछले साल के 11.29 करोड़ टन के बंपर उत्पादन का हवाला देते हुए बताया है कि फिलहाल गेहूं की उपलब्धता ‘पर्याप्त’ है। उन्होंने बताया कि उद्योग के अनुमानों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 40-50 लाख टन अधिक है। पिछले वर्ष वास्तविक उत्पादन 11.29 करोड़ टन था, जबकि सरकारी खरीद 2.66 करोड़ टन थी।
बाजार की चिंताओं के बारे में चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने की तत्काल कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने भविष्य में ओएमएसएस की बिक्री से इनकार नहीं किया। (इनपुट-भाषा)