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Property Investment: कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने में नुकसान होगा या फायदा, 365 दिन में कितना होगा मुनाफा

Real estate : प्रॉपर्टी के रेट दिन प्रतिदिन घटते बढ़ते रहते हैं. ज्यादातर लोग निवेश करने के लिए प्रॉपर्टी का ही चुनाव करते हैं. प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले वह इस असमंजस में रहते हैं कि कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश किया जाए या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में, हम आपको कमर्शियल प्रॉपर्टी के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे, और यह भी बताएंगे कि कमर्शियल प्रॉपर्टी से कितना रिटर्न मिल सकता है.
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Property Investment: कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने में नुकसान होगा या फायदा, 365 दिन में कितना होगा मुनाफा

Investing in commercial property: आज के समय में रोज-रोज महंगाई कम और ज्यादा हो रही है. जिसके चलते बहुत सारे लोग कहीं ना कहीं निवेश करने के बारे में सोच विचार करते रहते हैं. कुछ लोग सोना और चांदी में निवेश करते हैं. तो कुछ लोग शेयर बाजार में निवेश कर पैसा कमाने की चाहत रखते हैं. इन सभी को छोड़कर प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है. रियल एस्टेट में निवेश करना लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. क्योंकि प्रॉपर्टी के रेट हर दिन बढ़ रहे हैं. 

अब प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले भी लोग इस बात को लेकर सोच विचार में रहते हैं कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश किया जाए या कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करना बेहतर रहेगा.

आजकल के समय में जो लोग प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं. उनमें से ज्यादातर लोगों को रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के बारे में तो पता होता है लेकिन ज्यादातर लोगों को कमर्शियल प्रॉपर्टी के बारे में कम जानकारी होती है. कमर्शियल प्रॉपर्टी के बारे में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है. दुकान, शोरूम इत्यादि कमर्शियल प्रॉपर्टी में आते हैं. हम आपको कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताएंगे.

सैलरी वाले लोग खरीद रहे कमर्शियल प्रॉपर्टी

आजकल के समय में निवेश करने वालों के बीच एक धारणा बनी हुई है. उनका मानना है कि जिनके पास ज्यादा पैसा है वह कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. हालांकि यह बात कुछ हद तक सच भी कहीं जा सकती है. लेकिन आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इन दिनों सैलरी पाने वाले लोग कमर्शियल प्रॉपर्टी में ज्यादा निवेश करते हुए देखा जाता है. 

आमतौर पर देखा गया है कि कमर्शियल प्रॉपर्टी निवेश करने वाले को ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखती है. इसके अलावा इस तरह की प्रॉपर्टी से किराया भी ज्यादा हासिल होता है. एक पैसिव इनकम कमाई जा सकती है. परंतु इसमें भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसी के बारे में हम बात करेंगे.

ज्यादा मिलता है किराया

सबसे बड़ा लाभ ये है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी (residential property) की तुलना में कमर्शियल प्रॉपर्टी में किराया ज्यादा मिलता है। चर्चा बनी रहती है की रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में सालाना 1-2 फीसदी का रिटर्न मिलता है, जबकि कमर्शियल प्रॉपर्टी सालाना 8-11 फीसदी तक का रिटर्न देने में सक्षम होती है। 

लेकिन, कमर्शियल प्रॉपर्टी (commercial property) पर एरिया का भी असर होता है। तो यदि आप केवल रेंटल इनकम बनाना चाहते हैं तो कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करना ज्यादा सही है।

प्रॉपर्टी फर्निश करवाने की आवश्यकता नहीं

कमर्शियल प्रॉपर्टी (commercial property) का एक अन्य लाभ ये भी है कि किराये पर देने से पहले इसे फर्निश कराने की जरूरत नहीं होती। ऐसे में प्रॉपर्टी मालिक का खर्च बच जाता है। कमर्शियल प्रॉपर्टी के मालिक के तौर पर आप अपने किरायेदार को बिना फर्निश किए ही रेंट आउट कर सकते हैं।

किराएदारों से वाद विवाद नहीं

दुकानों या शोरूम को किराये पर लेने वाले लोग कंपनियों से जुड़े होते हैं। वे आम किरायेदार नहीं होते। उनका पैसे का हिसाब-किताब सामान्य किरायेदारों से बेहतर होता है। 

6 महीने या सालभर का किराया एडवांस में रहता है। रेंट पर लेने वाली फर्म लंबे समय के लिए (5-10 साल) रेंट पर लेते हैं। यदि आपकी प्रॉपर्टी का एक हिस्सा (share of property) कोई बड़ा बैंक रेंट पर लेता है तो प्रॉपर्टी के अन्य खाली हिस्से की वैल्यू और बढ़ जाती है।

कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश के नुकसान

ज्यादा निवेश की जरूरत

इसे नुकसान तो नहीं कह सकते, लेकिन ये एक लिमिटेशन जरूर है। शुरुआत में बड़ा पैसा निवेश करने की जरूरत होती है, जबकि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में शुरुआती निवेश काफी कम हो जाता है।

लोन  ब्याज की दरें अधिक

कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने की दूसरी लिमिट ये है कि इस पर लोन लेने के लिए आपको ब्याज की दरें अधिक चुकानी पड़ती हैं। आमतौर पर कमर्शियल प्रॉपर्टी लोन महंगे ही होते हैं। लोन की दर कई बार प्रॉपर्टी के टाइप, निवेशक के प्रोफाइल, लोकेशन और री-पेमेंट पीरियड पर भी निर्भर करती हैं।

किरायेदार खोजना मुश्किल

रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी (residential property) के लिए जहां किरायेदार मिलने काफी आसान होते हैं, लेकिन कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए किरायेदार खोजना उतना ही मुश्किल है। 

चूंकि कमर्शियल प्रॉपर्टी को बड़े कॉरपोरेट हाउस और नॉन-इंडिविजुअल्स होते हैं, जो एंड-टू-एंड एसेट मैनेजमेंट में सहूलियत चाहते हैं और इसके लिए आपको प्रोफेशनल लोगों की जरूरत रहती है।

कमर्शियल प्रॉपर्टी निवेश में ज्यादा रिसर्च की जरूरत

किसी भी निवेशक को कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने से पहले काफी रिसर्च करने की जरूरत होती है। निवेशक को प्रॉपर्टी से जुड़ी लागत, उसपर लगने वाले टैक्स, क्षेत्रीय कानून और रेंट-आउट करने संबंधी कानून इत्यादी समझने पड़ते हैं। 

इसके साथ बाजार और लोकेशन के बारे में अच्छी जानकारी के लिए भी रिसर्च की आवश्यकता होती है। यदि कैलकुलेशन में थोड़ा भी गड़बड़ हो जाए तो निवेशक को बड़ी समस्या हो सकती है।

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