Pune-Bengaluru Expressway: 7 घंटे में पूरा होगा 15 घंटे का सफर, नाप लेंगे 700 किमी दूरी
𝐏𝐮𝐧𝐞 𝐁𝐞𝐧𝐠𝐚𝐥𝐮𝐫𝐮 𝐆𝐫𝐞𝐞𝐧𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝 𝐄𝐱𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐰𝐚𝐲 : पुणे-बेंगलुरु ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojna) के दूसरे चरण के तहत एक बड़ा और अहम प्रोजेक्ट है। यह नया एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफील्ड यानी नई जमीन पर बनेगा, यानी यह पहले से मौजूद किसी पुराने हाईवे का विस्तार नहीं है बल्कि एक बिल्कुल नई सड़क बनाई जाएगी। मोदी सरकार की भारतमाला परियोजना का दूसरा चरण, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, बनाया जा रहा है। पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग दोनों राज्यों के बारह जिलों से गुजरेगा।

The Chopal : कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। 15 घंटे का सफर अब 7 घंटे में होगा। इस तरह की व्यवस्था करने से 745 किलोमीटर की इस यात्रा में समय का पता नहीं चलेगा। पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे, जिसका निर्माण तेजी से चल रहा है, इसे संभव बनाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से देश में आईटी सिटी पुणे और बेंगलुरु के बीच कनेक्टिविटी और आसान हो जाएगी। मोदी सरकार की भारतमाला परियोजना का दूसरा चरण, इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, बनाया जा रहा है। पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग दोनों राज्यों के बारह जिलों से गुजरेगा। आइये आपको इस एक्सप्रेसवे से जुड़ी सभी जानकारी देते हैं...
रूट क्या है?
साथ ही लोग ऑन रोड पुणे से बेंगलुरु तक का सफर 7 घंटे में पूरा कर लेंगे। कर्नाटक के अथानी जिले में बोम्मानल से पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग शुरू होगा। यह राजमार्ग बेलगावी, नारगुंड और चित्रदुर्ग से गुजरेगा। वहीं, पुणे, सांगली और सतारा महाराष्ट्र में होंगे।
7 घंटे में 15 घंटे की दूरी पर जाना
मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे, जो 700 किलोमीटर लंबा है, बनने से दोनों शहरों के बीच की दूरी 95 किलोमीटर कम हो जाएगी और ट्रैवल टाइम 15 से 7 घंटे कम हो जाएगा। बता दे की 22 इंटरचेंज, 55 फ्लाईओवर और 5 किलोमीटर लंबा आपातकालीन रनवे इस एक्सप्रेसवे पर हैं. इसके अलावा, सड़क के दोनों ओर वृक्षारोपण किया गया है। फिलहाल, NH-48 दोनों शहरों को जोड़ता है, लेकिन इस हाईवे पर भारी ट्रैफिक और लंबी दूरी से यात्री बहुत परेशान हैं। लेकिन पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे के निर्माण से ट्रैफिक को सीधा रास्ता मिलेगा। इस राजमार्ग के आसपास नए टाउनशिप, औद्योगिक पार्क, चिकित्सा हब और होटल-रेस्टोरेंट क्षेत्र बनाए जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे से यात्रियों को बहुत राहत मिलेगी, वहीं माल परिवहन में समय और खर्च में 30 से 40 प्रतिशत की बचत होगी। पुणे और बेंगलुरु दोनों आईटी नगर हैं, इसलिए इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्पादन और सेवा क्षेत्र को नई गति मिलेगी।