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Railway Routes: विश्व के 5 सबसे लंबे ट्रैन रूट, जिसमें 1 भारत का भी शामिल, जानकार होगा गर्व

हम आपको पांच ऐसे रेलवे रूट के बारे में बताया जा रहे हैं जो दुनिया के सबसे लंबे रूट हैं। इन रेलवे रूट पर जब ट्रेन दौड़ती है तो यात्रियों के पसीने छूट जाते हैं।
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Railway Routes

Thechopal: रेलवे हमेशा से ही लोगों के सफर के लिए मनोरंजन का केंद्र रही है। ट्रेन के सफर से लोगों की कई यादें जुड़ी होती है, जिन्हें वो उम्रभर याद रखते हैं। अब सफर लंबा हो या छोटा, ट्रेन यात्रा हमेशा मजेदार रहती है। आज हम कुछ ऐसी ही ट्रेनों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें दुनिया के सबसे लंबे रूट के लिए जाना जाता है। क्षेत्रफल के लिहाज से भारत इस लिस्ट में दुनिया के सातवे नंबर पर आता है, वहीं रूस पहले नंबर पर आता है। यही नहीं, कनाडा रेलवे रूट के एरिया के अनुसार दूसरे सबसे बड़े देश में आता है। तो चलिए फिर आपको इन देशों के रेलवे रूट के बारे में विस्तार से बताते हैं।

​टोरंटो टू वैंकूवर​

दुनिया एक दूसरा सबसे लंबा रूट कनाडा में आता है। ये टोरंटों के वैंकूवर से जुड़ हुआ है। इस रूट की लंबाई करीबन 4,466 किमी है। बता दें, इस रूट पर यात्रा करने में चार दिन का समय लगता है। इस ट्रेन से आपको प्रकृति के शानदार नजारे देखने को मिलेंगे। इस रूट पर चलने वाली ट्रेन का न्यूनतम किराया 529 डॉलर है। कनाडा क्षेत्रफल के अनुसार, रूस के बाद दुनिया के सबसे बड़े देश में आता है। 

​सिडनी टू पर्थ​

इस लिस्ट में चौथे नंबर पर आता है ऑस्ट्रेलिया का रूट, सिडनी से पर्थ को जोड़ने वाला ये रूट 4,352 किमी लंबा है। इस रूट पर इंडियन पैसिफिक ट्रेन दौड़ती है, जो चार दिन में अपनी यात्रा पूरी करती है। बता दें, ये हिंदू महासागर के तट से चलती है और प्रशांत महासागर के तट पर पहुंचती है। इस यात्रा के दौरान आपको स्वर्ग जैसे कई नजारे देखने को मिलेंगे। इस रूट से ट्रेन दुनिया के सबसे लंबे स्ट्रैच से निकलती है। 478 किमी लंबे इस स्ट्रेच को दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में है, जिसे The Nullarbor के नाम से जाना जाता है। 

शंघाई टू ल्हासा​

दुनिया का तीसरा सबसे लंबा रूट चीन में मौजूद है। ये शंघाई को तिब्बत के ल्हासा से कनेक्टेड है। इसकी लंबाई करीबन 4,373 किमी है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेन नंबर Z164 को यात्रा पूरी करने में 46 घंटे 44 मिनट यानी करीब दो दिन का समय लगता है। ये रोज शंघाई रेलवे से रात 8.02 बजे निकलती है और दो दिन बाद शाम 6.46 बजे ल्हासा पहुंचती है। 

​ट्रांस-साइबेरियन रेलवे​

विश्व का सबसे बड़े रेल रूट रूस में स्थित है। ये रूट राजधानी मॉस्को को पूर्वी शहर व्लॉडीवोस्तोक से कनेक्टेड है। 9,259 किमी लंबे इस रूट पर यात्रा पूरी करने में सात दिन का वक्त लगता है। अगर भारत की वंदे भारत को आप 160 किमी की रफ्तार से भी चलाएंगे, तब भी इस रूट की यात्रा को पूरा करने में करीबन 58 का समय लगने वाला है। यही नहीं, 400 किमी की रफ्तार से चल रही बुलेट ट्रेन भी इस रूट को पूरा करने में एक दिन का समय लगाएगी। 

​डिब्रूगढ़ टू कन्याकुमारी​

भारत की सबसे लंबी रेल लाइन भी इस लिस्ट में आती ह, जो असम के डिब्रूगढ़ को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कनेक्ट करती है। ये दुनिया का पांचवा सबसे लंबा रूट भी है। इसकी लम्बाई करीबन 4,237 किमी है। इस रूट पर विवेक एक्सप्रेस चलती है, जो अपनी यात्रा 72 घंटे में पूरी करती है। अगर इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाएं तो उसे दूरी को पूरा करने में करीवन 26 स 30 घंटे लगेंगे।

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