Rajasthan में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, इन लोगों के मकान तोड़ने पर लगाई रोक

राजस्थान हाई कोर्ट ने गांव मेनपुरा की नदी भूमि के पास बसे लोगों के घरों को तोड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। दरअसल, राजस्व रिकॉर्ड में भूमि गलती से नदी रुप में दर्ज की गई है।
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The Rajasthan High Court stayed the process of demolishing the houses of the people settled near the river land of village Mainpura

Rajasthan : राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनूं की गुढ़ा तहसील के गांव मेनपुरा की नदी भूमि में बसे लोगों के आवास तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख राजस्व सचिव, झुंझुनूं कलेक्टर और गुढ़ा तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश तारा चंद व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता अपने परिवार के साथ कई सालों से मेनपुरा गांव में रहते हैं.  राजस्व रिकॉर्ड में 1.49 हेक्टर इस भूमि को गलती से नदी भूमि के रूप में दर्ज कर दिया गया है, जबकि वास्तव में नदी यहां से करीब डेढ किलोमीटर दूर है।

याचिका में कहा गया कि स्थानीय तहसीलदार ने याचिकाकर्ताओं को यहां से अपने निर्माण हटाने के लिए नोटिस जारी कर रखा है, जबकि सच्चाई यह है कि इस भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में गलती से नदी भूमि के रूप में दर्शा रखा है।

इस भूमि के आसपास की सारी भूमि आबादी भूमि के तौर पर दर्शायी गई है और नदी का बहाव क्षेत्र इतनी छोटी जमीन पर नहीं हो सकता. इसके अलावा राजस्व रिकॉर्ड में सुधार के लिए उपखंड अधिकारी के समक्ष दावा भी लंबित चल रहा है।

याचिका में गुहार की गई है कि राजस्व रिकॉर्ड की गलती के कारण याचिकाकर्ताओं को उनके स्थान से नहीं हटाया जाए और उनके पक्के निर्माण को तोड़ने के संबंध में की जा रही कार्रवाई को भी रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए निर्माण तोडऩे की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है।

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