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Supreme Court : बिना कोर्ट जाए हट जाएगा जमीन से कब्जा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया तगड़ा फैसला

Property knowledge : किसी मालिक की संपत्ति पर कब्जा करना भी एक प्रकार का विवाद है।  कब्जा होने के बाद, मालिक की मुसीबत बढ़ जाती है क्योंकि कब्जाधारी (Property Possession) अधिक बलप्रयोग करने लगता है।  सुप्रीम कोर्ट की इस निर्णय से अब संपत्ति मालिकों को राहत मिली है।  कोर्ट ने कहा कि बिना कोर्ट जाए भी आप अपनी संपत्ति से छुटकारा पा सकते हैं।  आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट का यह महत्वपूर्ण निर्णय।

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Supreme Court : बिना कोर्ट जाए हट जाएगा जमीन से कब्जा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया तगड़ा फैसला

The Chopal, Property knowledge : प्रोपर्टी पर कब्जे के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते रहते हैं।  ऐसे हजारों मामले कोर्ट कचहरियों में हैं।  सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति पर कब्जा करने के नियमों (Property Possession Rules) के एक मामले में अंतिम निर्णय दिया है।  इस फैसले से यह भी स्पष्ट हुआ कि प्रोपर्टी पर अधिकारों (property rights) को लेकर कानून में विभिन्न प्रावधान हैं। 

 सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि संपत्ति के मालिक को किसी तरह की बहस में फंसने की जरूरत नहीं है; वह अपनी संपत्ति को बिना कोर्ट जाए भी छुड़वा सकता है।  प्रोपर्टी मालिकों के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण है।

 इस मामले में कोर्ट ने कहा-

 यह बात सुप्रीम कोर्ट ने पूनाराम बनाम मोतीराम के बीच एक संपत्ति विवाद के फैसले में कही है।  सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि गैर कानूनी तरीके से किसी की ओर से किसी अन्य की संपत्ति पर कब्जा नहीं किया जा सकता। 

 प्रोपोर्टी को दूर करने के लिए क्या करें?

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास संपत्ति का टाइटल और अन्य कागजात हैं, यानी संपत्ति आपके नाम पर है, तो आप 12 साल बाद भी संपत्ति को छोड़ सकते हैं।  इसके लिए कोर्ट या पुलिस की मदद भी लेने की कोई जरूरत नहीं है।  बलपूर्वक इसे छुड़ाया जा सकता है।  यदि संपत्ति का नाम नहीं है और 12 साल से किसी और के पास है, तो कोर्ट में केस किए बिना इस मामले को हल नहीं कर सकते।  स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 (Specific Relief Act 1963) इसके लिए बनाया गया था।

 स्पेसिफिक रिलीफ कानून:

 स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट कानून में प्रोपर्टी विवादों को हल करने के लिए बनाया गया है।  भूमि विवाद में आप स्टे ले सकते हैं, जैसा कि अधिनियम की धारा 5 कहता है।  इससे कब्जा करने वाले को कब्जा की गई संपत्ति पर कुछ भी बनाने का मौका नहीं मिलता।  स्टे लेने के बाद वह संपत्ति किसी को भी नहीं बेची जा सकती।  इस धारा का उद्देश्य किसी संपत्ति पर गैर कानूनी कब्जा को हटाना है।

 स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता है अगर आपकी संपत्ति आपके पास होती है।  कब्जा खाली कराने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार केस दायर करने की अनुमति भी इस अधिनियम की धारा 5 में दी गई है। 

 कानून में संपत्ति विवादों के नियम:

 1. संपत्ति को लेकर कई विवाद होते हैं।  इनमें अलग-अलग कानूनी धाराओं का पालन किया जाता है।  जब जमीन या अन्य संपत्ति पर कब्जा (Property Possession) कर लिया जाता है, तो धारा 406 (Legal Section 406) के तहत कार्रवाई की जाती है।  पीड़ित प्रोपर्टी मालिक इस धारा के तहत कब्जाधारी की शिकायत पुलिस में दे सकता है। 

 2. अधिनियम की धारा 467 (Legal Section 467) का उपयोग तब किया जाता है जब धोखे से किसी की संपत्ति, जैसे जमीन, को फर्जी दस्तावेजों (property papers) के रूप में हड़प लिया जाता है।  पीड़ित ने शिकायत दर्ज करने पर जालसाज के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।  इन मामलों में निर्णय प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश करते हैं।  यह अपराध समझौता योग्य नहीं है।

 3. धारा 420 (Legal Section 420) के तहत मामला दर्ज किया जाता है जब कोई जमीन धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े से हथियाई जाए।  पीड़ित ऐसे हालात में कानून का सहारा ले सकता है।