supreme court : पैतृक संपत्ति बेचने वाले हो जाए सावधान, अब इन लोगों के बिना नहीं बनेगा काम, पढ़िए कानून
Property related rules and laws : भारत में संपत्ति बेचने, खरीदने और इसके अधिकार को लेकर कई कानून हैं। आज की खबर में हम उसे कानून के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें बताया गया है कि किन लोगों को पैतृक संपत्ति बेचने की अनुमति दी जाएगी। खबर में संपत्ति से जुड़े इस कानून के बारे में अधिक जानें।

The Chopal, Property related rules and laws : प्रॉपर्टी से जुड़े कई कानून हैं, जो बहुत कम लोग जानते हैं। लोग अक्सर संपत्ति संबंधी नियमों और कानूनों को नहीं जानते। इन सवालों में वह उलझे रहते हैं।
संपत्ति संबंधी विवाद अक्सर जानकारी की कमी से होते हैं। पैतृक संपत्ति (ancestral property) भी ऐसा ही है। आज हम आपको पैतृक संपत्ति को किसकी सहमति से बेचने के तरीके बताएंगे।
पैतृक संपत्ति क्या है?
भारत में जमीन को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। पहली वह है जो किसी ने खुद से खरीदी है, दान, उपहार या किसी से हक त्याग (अपने हिस्से की जमीन नहीं लेना) से प्राप्त की है। Self-acquitted property इस तरह की संपत्ति है।
इसके अलावा पिता ने अपने पूर्वजों से प्राप्त जमीन भी अलग है। इस प्रकार प्राप्त की गई जमीन को पैतृक संपत्ति माना जाता है। खुद से खरीदी गई संपत्ति की तुलना में पैतृक संपत्ति को बेचने पर कानून थोड़ा कठोर हैं।
कौन पैतृक संपत्ति बेच सकता है?
पैतृक संपत्ति पर चार पीढ़ियों का दावा है। यदि इस संपत्ति को बेचने का फैसला किया जाता है, तो किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत रज़ामंदी इस संपत्ति को बेचने में बाधा डालती है। ना ही इसके आंशिक मालिकों का निर्णय इसे बेच सकता है।
पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए इससे जुड़े प्रत्येक हितधारक, जिसमें बेटियां भी शामिल हैं, की सहमति चाहिए। पैतृक संपत्ति कानूनी ढंग से बेची जा सकती है अगर सभी पक्ष सहमत होते हैं।
बिना सहमति बेचने पर कानूनी सहारा लिया जा सकता है (property news)
अगर इससे जुड़े पक्षों की सहमति या परामर्श के बिना पैतृक संपत्ति बेची जाती है, तो अन्य संबंधित पक्ष इसे लेकर कानूनी नोटिस भेज सकते हैं। ऐसे में संपत्ति की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है या बिक्री को रद्द कर दिया जा सकता है।