महाराष्ट्र वालों के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला, वाहनों को सड़क पर ले जाने पहले जान ले जरूरी अपडेट
Breaking News : महाराष्ट्र में गाड़ी चालकों के लिए यह महत्वपूर्ण सूचना है कि 1 अप्रैल 2025 से FASTag (फास्टैग) सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि बिना फास्टैग के गाड़ियों को टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करना संभव नहीं होगा। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
Maharashtra News : महाराष्ट्र में गाड़ी चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। 1 अप्रैल 2025 से FASTag (फास्टैग) सभी गाड़ी के लिए मैंडेटरी है। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मंगलवार (7 जनवरी) को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। सरकार ने सभी वाहनों के लिए फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। 1 अप्रैल 2025 से यह निर्णय लागू होगा। इस निर्णय से ट्रैफिक जाम को कम करने के अलावा ईंधन और समय दोनों बच जाएगा।
क्या है FASTag?
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर काम करता है। इसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, और टोल प्लाजा पर यह ऑटोमैटिकली टोल राशि काट लेता है।
यदि फास्टैग नहीं काम कर रहा है, तो वाहन मालिक को दोगुना रोड टैक्स शुल्क देना होगा। यही कारण है कि अगर टोल शुल्क का भुगतान नकद, स्मार्ट कार्ड, क्रेडिट डेबिट कार्ड या कोड से करना हो तो टोल शुल्क दोगुना होगा। बता दें कि राज्य में लोक निर्माण विभाग के 23 टोल बूथ और एमएसआरडीसी के 50 टोल बूथ हैं।
ई-कैबिनेट
महाराष्ट्र सरकार जल्द ही "ई-कैबिनेट" लागू करेगी, जिसका उद्देश्य पारंपरिक दस्तावेजीकरण के स्थान पर स्मार्ट टैबलेट का इस्तेमाल करना है और कैबिनेट बैठकों में कागज का उपयोग कम करना है।
मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित पहल का उद्देश्य सरकारी कामकाज को अधिक पारदर्शी और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाना है। यह प्रणाली नागरिकों तक कैबिनेट के फैसलों को एक विशेष पोर्टल के माध्यम से पहुंचाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी लाने और समय पर संचार सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर जोर दिया है, इसलिए डिजिटल उपायों का पालन किया जा रहा है।
FASTag कैसे काम करता है?
फास्टैग एक स्टीकर है जो विंडस्क्रीन पर चिपक जाता है। यह स्टीकर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है। टोल बूथ से गुजरने पर फास्टैग स्कैनर विंडस्क्रीन पर लगे स्टिकर को स्कैन करता है। संबंधित अकाउंट से अटॉमेटिक टोल टैक्स इसके बाद कट जाता है। अटॉमेटिक प्रक्रिया से टोल बूथ पर जाम लगने की संभावना कम होती है।