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Chhattisgarh के 6 गांवों में नहीं होगी जमीन खरीद-बिक्री, जानिए क्यों लगी रोक

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती को लेकर सरकार खास ध्यान दे रही है. छत्तीसगढ़ के 6 गांव में जमीन खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी गई है. प्रदेश में रेलवे फ्लाईओवर निर्माण के चलते यह फैसला लिया गया है.

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Chhattisgarh के 6 गांवों में नहीं होगी जमीन खरीद-बिक्री, जानिए क्यों लगी रोक

Chhattisgarh Railway Infrastructure : छत्तीसगढ़ सरकार इस समय राज्य में रोड और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में रेलवे फ्लाईओवर (Railway Flyover) के निर्माण के कारण छत्तीसगढ़ के 6 गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। रेल फ्लाई ओवर के निर्माण को लेकर इस क्षेत्र के छह गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर कलेक्टर ने रोक लगा दी है। निर्माण एलाइनमेंट में आने वाले गांवों में भूमि की अवैध और अनाधिकृत खरीद-बिक्री की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

कलेक्टर ने दगोरी-बिल्हा के बीच रेलवे पुल के निर्माण को लेकर इस क्षेत्र के छह गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। निर्माण एलाइनमेंट में आने वाले गांवों में भूमि की अवैध और अनाधिकृत खरीद-बिक्री की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण उप मुख्य अभियंता ने इस संदर्भ में प्रशासन को पत्र भेजा था। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस रेलवे लाइन के आसपास की सभी जमीन खरीदने और बेचने पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक अंतिम अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

इन गांवों में प्रतिबंध लगाया गया है

रेलवे पत्र के तारतय और शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार, दगोरी-बिल्हा के बीच रेलवे लाई ओवर निर्माण के लिए क्षेत्र निर्धारित किया गया है और जमीन की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें बिल्हा अनुभाग के किसी भी ग्राम बिल्हा, दगोरी, गोढ़ी, उटगन, किरारीगोडी, भैंसबौड़ या बिल्हा अनुभाग में स्थित किसी भी जमीन की खरीद या बिक्री की अनुमति नहीं दी जा सकेगी।

मार्गदर्शन

ध्यान दें कि अक्टूबर में छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान भूमि के बेहतर प्रबंधन के लिए भूमि के अंतरण, बटांकन, व्यपवर्तन और क्रय-विक्रय को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए। भूमि अर्जन की लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है क्योंकि भूमि का बटांकन, छोटे टुकड़ों में अंतरण और प्रयोजन में बदलाव के कारण।

भूमि की खरीद-बिक्री में शामिल बिचौलियों और भू-माफियाओं द्वारा इस प्रक्रिया में लाभ उठाया जाता है, न कि मूल मालिक को समुचित लाभ मिलता है। साथ ही, अवैध भूमि विलय से शासन को अत्यधिक आर्थिक क्षति होती है और मुकदमेबाजी के कारण सार्वजनिक हित की परियोजनाओं में अनावश्यक विलब होता है।

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