राजस्थान में साल 2030 तक बनकर तैयार हो जाएंगे ये 5 नए एक्सप्रेसवे, तैयार हो रही डीपीआर
Rajasthan News : राजस्थान सरकार अपनी जनता को सुगम सफर प्रदान करने के लिए लगातार सड़क के और एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है। पिछले वर्ष सरकार ने प्रदेश को 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की सौगात दी थी। जिनमें से पांच एक्सप्रेसवे को सरकार कुछ ही वर्ष में बनाकर तैयार कर देगी। जानिए कौन-कौन से एक्सप्रेस वे इनमें शामिल है।

Rajasthan News : राजस्थान की जनता को प्रदेश सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। जिसके तहत प्रदेश में नौकरी इन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग इनमें से 8 एक्सप्रेस की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार (DPR)कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही डीपीआर का काम कंप्लीट होने की आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि इन एक्सप्रेसवे की डीपीआर के लिए बोलियां खुली है। सरकार से अनुमोदन और वित्त मंजूरी के बाद। इन 8 एक्सप्रेसवे की डीपीआर के लिए 30 करोड रुपए की धनराशि मंजूर कर दी गई है। आशंका जताई जा रही है कि टेंडर लेने वाली कंपनी जल्द ही डीपीआर का काम शुरू कर देगी।
प्रदेश सरकार ने राज्य में 2,756 किलोमीटर की कुल लंबाई वाले नौ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की घोषणा की थी। एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान भाजपा सरकार के ‘विज़न 2047’ के अनुसार, सरकार इन नौ एक्सप्रेसवे में से पांच को 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनकी लंबाई 1,361 किमी है। इनमें जयपुर-जोधपुर-पचपदरा एक्सप्रेसवे, कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा , बीकानेर-कोटपूतली और ब्यावर-भरतपुर जयपुर-जोधपुर एक्सप्रेसवे शामिल है, जिनकी डीपीआर एनएचआई द्वारा तैयार की जा रही है।
इन डीपीआर को पूरा करने में आठ से 12 महीने लगेंगे। हालांकि सरकार का लक्ष्य अगले छह वर्षों में पांच एक्सप्रेसवे को पूरा करने का है, लेकिन पीडब्ल्यूडी सभी डीपीआर को एक साथ पूरा करना चाहता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें भूमि अधिग्रहण के लिए पर्याप्त समय मिले। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, “परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता है। यदि डीपीआर तैयार है, तो हमें योजना बनाने और अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अधिक समय मिलेगा।” इन नौ एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य राज्य के भीतर और यूपी, एमपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और दिल्ली जैसे अन्य राज्यों के साथ हाई-स्पीड कनेक्टिविटी में सुधार करना है।