UP में इन 6 जिलों को मिलाकर बसाया जाएगा नया शहर, NCR की तर्ज पर होगा SCR
UP News : उत्तर प्रदेश के इन 6 जिलों को को बड़ी सौगात मिली है। इसके तहत इन जिलों में NCR की तर्ज पर नया शहर बसाया जाएगा।इस शहर में ऐसी सुविधाएं दी जाएंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) से भी बेहतर होगा। सरकार द्वारा इसका बुनियादी ढांचा तैयार कर गया है।

Uttar Pradrsh News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी SCR को विकसित किया जाएगा। यहां नोएडा-गुडगांव जैसी सुविधाएं होंगी। गगनचुंबी इमारतें, अपार्टमेंट, मेट्रो, इंफ्रास्ट्रक्शन, इंडस्ट्री से लेकर तमाम सुविधाएं स्टेट कैपिटल रीजन में होंगी। बीते दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसे विकसित करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ समेट 6 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव शामिल है। राज्य राजधानी क्षेत्र का विकास सुनियोजित तरीके से किया जाएगा। योगी सरकार की योजना के मुताबिक, छह जिलों की 27860 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण एससीआर के लिए होगा। एससीआर डेवलेपमेंट अथॉरिटी के गठन के बाद इन सभी जिलों का नियोजित शहरीकरण और विकास होगा।
पूरी होंगी 50 साल की जरूरतें
एससीआर के गठन के बाद इसमें शामिल छह जिलों के लिए एक नियोजित प्लान तैयार होगा, जो आगामी 50 साल की जरूरतों के हिसाब से होगा। सीएम योगी इस बाबत निर्देश भी जारी कर चुके हैं। इसी के आधार पर प्रस्तावित क्षेत्र का नक्शा तैयार होगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृति पर्यटन को भी ध्यान में रखकर विकास कार्य किए जाएंगे।
प्रदेश की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों की चाहता गांवों से निकलकर शहरों में बसने वाली हो गई है। हरकोई अपने बच्चे को अच्छे शिक्षा देना चाहता है। इसके चलते लखनऊ में आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है और जमीनें कम होती जा रही हैं। बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाएं होने से उद्यमी उद्योग लगाना चाहता है व विश्व स्तर के स्कूल-कॉलेज खोलने के लिए जमीनें तलाशी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बसाना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्र के अंतर्गत निजी व सार्वजनिक क्षेत्र बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं, जनसुविधाओं का समूचे क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार विकास होगा। योजना गत क्षेत्रीय विकास से आवासन, अवसंरचना, यातायात, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन में बढ़ोत्तरी होगी।