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फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं ये कीट, किसान भाई बचाव का जान लें तरीका

Agriculture News: खेती में कीट और रोग फसल की उपज और गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इसलिए समय पर पहचान और रोकथाम बेहद जरूरी है। 

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फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं ये कीट, किसान भाई बचाव का जान लें तरीका

The Chopal: खेती में रोग और कीट फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। इससे किसानों की कमाई प्रभावित होती है। किसानों को कीट और रोग के हमलों से फसल खराब होने पर नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में यह जरूरी है कि किसान कीट और रोग को समय पर पहचानें और उनकी रोकथाम करें। निमेटोड (Nematode) भी एक बहुत ही छोटा धागानुमा कीट है जो जमीन के भीतर पाया जाता है। निमेटोड नामक कीड़े फसलों को बर्बाद करते हैं। ये मिट्टी में वर्षों तक दबा रह सकते हैं और पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये पौधों की जड़ों का रस चूसते हैं, जिससे पौधों को भूमि से पूरी मात्रा में खाद, पानी या पोषक तत्व नहीं मिल पाते और पौधे की बढ़ावर रुक जाती है।

वहीं निमेटोड लगने से जड़ में गांठ बनती है, जिससे पौधा मर भी सकता है। निमेटोड हर फसल में होता है। प्रमुख हैं जड़ गांठ रोग, पुट्टी रोग, नींबू का सूखा रोगा, जड़ गलन रोग, जड़ फफोला रोगा, आदि।

निमेटोड इन फसलों पर हमला

गेहूं, टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, परवल, धान और अन्य फसलें निमेटोड से प्रभावित होती हैं। अमरूद, सीताफल, अनार, नींबू, किन्नू, अंगूर और सभी प्रकार के फल सहित कई प्रकार के फल हैं।

कैसे पहचानें?

आपके पौधे सूख जाते हैं, मुरझा जाते हैं, जड़ों में गांठ पड़ जाती हैं और बहुत कम फल और फूल देते हैं।

जैविक उपाय

मिट्टी में रसायन छिड़ककर मारा जाना महंगा ही नहीं, बल्कि असफल भी होता है। नीम खाद पाउडर का उपयोग ही कीड़ों (जैसे निमेटोड और दीम) को खत्म कर सकता है। इसके लिए नीम खली का तेल होना चाहिए। नीम खाद या नीम खली का उपयोग निमेटोड उत्पादन को रोकता है। नीम खाद का उपयोग करने से उपज में चालिस प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है और अधिक फूलों और फलों का उत्पादन होता है। फल भी अधिक स्वादिष्ठ, चमकदार और बड़े आकार के होते हैं।

फसलों की देखभाल

गर्मियों के मौसम में जमीन को गहराई से जुटाकर एक हफ्ते के लिए खुला छोड़ दें। बुवाई से पहले 2 क्विंटल प्रति एकड़ नीम खली डालकर फिर से जुताई करें। बाद में बीज बोएं।

फलों का उपयोग

नींबू, अनार, किन्नू, अंगूर और अन्य फलों के रोपण के लिए एक मीटर गहरा गड्ढा खोदें. मिट्टी में नीम खली और सड़े गोबर की खाद या बकरी की मिगन को अच्छी तरह मिलाकर पौधा लगाएं। अगर पौधे पहले से लगा रखे हैं तो भी नीम खाद की मात्रा को पौधे की उम्र के हिसाब से संतुलित करें। 1 से 2 साल के पौधे में 1 किलोग्राम और 3 से 5 साल के पौधे में 2 से 3 किलोग्राम डालें. मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर ड्रिप के साथ नीम तेल घुलनशील डालें।

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