UP का ये इलाका बनेगा नया जिला, प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 76 होगी
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के राजनीतिक क्षेत्र को बड़ी सौगात मिलने की तैयारी हो रही है। उत्तर प्रदेश में जल्द ही 75 जिलों से 76 जिले होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिले को दो भागों में बांटने की बड़ी तैयारी हो रही है। नए जिले को लेकर राजस्व विभाग की तरफ से गोरखपुर कलेक्टर को पत्र भेजकर प्रस्ताव मांगा गया है।

UP News : उत्तर प्रदेश की जनता को जल्द ही एक और नए जिले की सौगात मिलने को लेकर कवायद तेज हो चुकी है। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर जिले के पास लगते महाराजगंज जिले दो भागों में बांटने की तैयारी चल रही है। यह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह का राजनीतिक इलाका है। फिलहाल यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश की महाराजगंज तहसील में आता है। इस इलाके के विकास में बढ़ोतरी के चलते नया जिला बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह नया जिला गोरखपुर और महाराजगंज की कुछ तहसीलों को आपस में जोड़कर बनाया जाएगा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस इलाके को जिले में तब्दील करने को लेकर लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं।
महाराजगंज जिले को विभाजित किया जाएगा
आपको बता दें कि गोरखपुर से सटे महाराजगंज जिले को विभाजित किया जाएगा। अब फरेंदा तहसील को जिला बनाने का प्रयास शुरू हो गया है। 6 अगस्त 2024 को, महाराजगंज तहसील के भूमि निर्धारण कमिश्नर (भू राजस्व विभाग) भीष्म लाल वर्मा ने गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश को पत्र लिखकर अनुमोदन की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि नौतनवा, फरेंदा और गोरखपुर की कैंपियर गंज तहसील को महाराजगंज जिले में मिलाकर एक नया जिला बनाया जाएगा। कृपया आयुक्त गोरखपुर मंडल के माध्यम से परिषद को अपनी आख्या और प्रस्ताव देने का प्रयास करें।
यह होगा नया जिला
दरअसल, गोरखपुर जिले के तहसील बौपियरगंज और महराजगंज जिले के तहसील फरेन्दा और नौतनवा को मिलाकर प्रदेश का 76 वां जिला बनाने की तैयारी है। इस जिले का नाम फरेंदा रखा जा सकता है। पत्र में लिखा गया है कि इस संबंध में जनपद महराजगंज की तहसील फरेन्दा तहसील नौतनवा एवं जनपद गोरखपुर की तहसील बौपियरगंज को मिलाकर जनपद फरेंदा बनाये जाने के सम्बन्ध में अपनी आख्या एवं सुस्पष्ट संस्तुति आयुक्त, गोरखपुर मंडल, गोरखपुर के माध्यम से परिषद को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
उत्तर प्रदेश का हिस्सा नेपाल की सीमा से जुड़ा
यह उत्तर प्रदेश का हिस्सा नेपाल की सीमा से जुड़ा हुआ है। इस इलाके से लोग नेपाल आते हैं और वहाँ एक छोटा एयरपोर्ट है। जहां से कई स्थानों के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस क्षेत्र को लंबे समय से चल रहे विकास से बदलना चाहा। यह कस्बा भी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। चीन और पाकिस्तान से गुप्तचर गतिविधियों की भी आशंका है।
महाराजगंज जिले के बारे में प्रमुख जानकारी:
स्थापना: महाराजगंज जिले की स्थापना 2 अक्टूबर 1989 को हुई थी। यह पहले गोरखपुर जिले का हिस्सा था और प्रशासनिक सुविधा के उद्देश्य से इसे अलग जिले के रूप में गठित किया गया।
भौगोलिक स्थिति:
उत्तर: नेपाल से सीमा साझा करता है।
पूर्व: कुशीनगर से घिरा हुआ है।
दक्षिण: गोरखपुर से सटा हुआ है।
पश्चिम: सिद्धार्थनगर से घिरा है।
जनसंख्या:
2011 की जनगणना के अनुसार, महाराजगंज जिले की जनसंख्या लगभग 26 लाख थी, जो समय के साथ बढ़ी होगी।
प्रशासनिक संरचना:
1 - जिले में चार तहसीलें हैं - महराजगंज, फरेंदा, नौतनवा, और निचलौल।
2 - 882 ग्राम पंचायतें और 101 न्याय पंचायतें मौजूद हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाने में सहायक हैं।
3 - अर्थव्यवस्था - मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है, और नेपाल से नजदीक होने के कारण सीमा व्यापार भी जिले की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।