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राजस्थान के इस जिले को मिलेगा नहर का पानी, नहर निर्माण में 6492 करोड़ रुपए की आएगी लागत

Rajasthan News : राजस्थान में सिंचाई की उपयुक्त पानी की बहुत ज्यादा कमी है। राजस्थान में कई इलाके तो ऐसे हैं जहां पीने योग्य पानी भी बड़ी मुश्किलों से मिलता है। राजस्थान के इस जिले में अब जल्द ही नहर का पानी आने लगेगा।

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राजस्थान के इस जिले को मिलेगा नहर का पानी, नहर निर्माण में 6492 करोड़ रुपए की आएगी लागत 

The Chopal : राजस्थान में पानी की समस्या बहुत गंभीर मुद्दा है, खासकर सिंचाई और पीने के पानी के लिए। जिस जिले में नहर का पानी आने वाला है, वह इलाके के किसानों और आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी।  पावर्ती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के जरिए अलवर के लोगों की प्यास बुझाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहले चरण में अलवर को केवल पीने का पानी मिलेगा। किसानों को योजना के दूसरे चरण में नहर से पानी मिलने की उम्मीद है।

पावर्ती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के जरिए अलवर के लोगों की प्यास बुझाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहली बार अलवर को सिर्फ पीने का पानी मिलेगा। किसानों को योजना के दूसरे चरण में नहर से पानी मिलने की उम्मीद है। बता दे की 3446 करोड़ रुपये से पहली चरण में नहर बनाई जाएगी। 12 फरवरी को इसका टेंडर जयपुर में होगा। निर्माण कार्य मार्च-अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है। नहर बनाने वाली संस्था 20 साल तक मेंटिनेंस की जिम्मेदारी लेगी। निर्माण कार्य को साढ़े चार वर्ष में पूरा करना होगा। नहर का पूरा निर्माण 6492 करोड़ रुपये का होगा।

इस तरह बनेगा पानी का रास्ता

नहर करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा गांव से राजगढ़ तहसील में प्रवेश करेगी। राजगढ़ के धमरेड़ बांध पहले नहर का पानी लेगा। तब नटनी के बारां में पानी डाला जाएगा। वहां से पानी दो हिस्सों में विभाजित होगा। पानी को रूपारेल नदी से घाट बांध तक पहुंचाने के लिए एक लिंक नहर जयसमंद बांध तक जाएगा, जबकि दूसरा लिंक नहर जयसमंद बांध तक जाएगा। जयसमंद बांध से भी दो लिंक नहरों का निकाला जाएगा. एक सिलीसेढ़ के लिए होगा और दूसरा कृत्रिम बांध के लिए होगा। अभी भी यह निर्धारित करना है कि कृत्रिम बांध बनाने के लिए जयसमंद बांध से किस तरफ से नहर निकाली जाएगी।

घटना की फाइल

अलवर से खुर्रा-चैनपुरा (करौली जिला) की दूरी 150 किलोमीटर है. धमरेड़ बांध से नटनी के बांध तक 45 से 50 किलोमीटर है, नटनी के बांध से जयसमंद बांध 12 किलोमीटर है, नटनी के बांध से रूपारेल सहित घाट बांध 40 किलोमीटर है, जयसमंद बांध से सिलीसेढ़ की दूरी 8 किलोमीटर है।

ईआरसीपी परियोजना को करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा से पानी मिलेगा। इस नहर की दूरी अलवर-करौली के मध्य 150 किलोमीटर है। अलवर को नहर से 200 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। कृत्रिम बांध नहर का पानी अलवर जिले को देगा। इसके लिए जलदाय विभाग निर्धारित करेगा कि किस क्षेत्र से आम जनता को पानी देना चाहिए। विभाग कृत्रिम बांध बनाने की तैयारी कर रहा है।
 

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