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MP और राजस्थान के बीच 262 किलोमीटर लंबे नए रूट पर जल्द दौड़ना शुरू करेगी ट्रेनें

MP News: मध्य भारत के रेलवे कनेक्टिविटी में एक बड़ी उपलब्धि को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच नई रेलवे लाइन के निर्माण से न केवल यात्रा समय कम होगा, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी तेज़ी मिलेगी।

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MP और राजस्थान के बीच 262 किलोमीटर लंबे नए रूट पर जल्द दौड़ना शुरू करेगी ट्रेनें

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान के बीच नई रेलवे लाइन से लोगों का आवागमन आसान होने वाला है. मध्य प्रदेश की 262 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन इसी साल शुरू होने की उम्मीद है और बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच एक नई रेल लाइन जल्द शुरू होगी। गुरुवार शाम को ब्यावरा रेलवे स्टेशन को पश्चिम मध्य रेल जबलपुर की जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने देखा। ग्वालियर से शिवपुरी, बदरवास, गुना और रुठियाई से होकर शाम साढ़े चार बजे ब्यावरा पहुंची। रेलवे के हर विभाग का जीएम ने बारीकी से निरीक्षण किया।

इसी साल रामगंजमंडी से भोपाल की रेल लाइन शुरू होगी

GMM शोभना बंदोपाध्याय ने रेलवे अधिकारियों को बताया कि 20 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे पुनर्जागरण का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि लोकार्पण की तारीख तय की जा सके। पहले ही चार महीने बीत चुके हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष से रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन में भोपाल से रामगंजमंडी तक ट्रेन चलेगी। इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए भोपाल से रामगंजमंडी तक हर विभाग में व्यापक प्रयास किया जा रहा है। GMM ने रामगंजमंडी-भोपाल रेलवे लाइन भी देखा। GMM ने कहा कि वे यात्रियों की सुविधा के लिए सेवाओं को बढ़ा रहे हैं। जीएम ने बताया कि स्टेशन को नया तरीके से बनाया जा रहा है।

2018 में सात साल पहले निरीक्षण हुआ था

यहां बता दें कि जीएम ने करीब सात साल पहले ब्यावरा रेलवे स्टेशन का दौरा किया था। 2018 के दिसंबर में ब्यावरा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण जबलपुर जोन के जीएम ने किया था। गुरुवार को सात वर्ष बाद दूसरा दौरा हुआ। इसके अलावा, यह एक महिला जीएम का पहला दौरा और निरीक्षण भी है। राजधानी भोपाल से रामगंजमंडी तक चलने वाली रेलवे लाइन में पिछले कुछ महीनों से जमीन का पेंच फंस रहा था। तब नरसिंहपुर के बड़ोदिया तालाब का मामला अभी तक हल नहीं हुआ था। कुरावर से लगे तुर्कीपुरा गांव के किसानों को प्रशासन ने बुलाया था, लेकिन यहां अभी भी पेंच फंसा हुआ है। क्योंकि 2017 में किसानों की जमीन अधिग्रहण मुआवजा अभी तक नहीं मिला है

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