UP का यह एक्सप्रेसवे होगा हाइटेक, मिलेगी सफर में ट्रैफिक और मौसम की जानकारी
UP News : उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। प्रदेश में इसी कड़ी में अब एक और एक्सप्रेसवे को हाईटेक बनाया जाना है। इस पर आपको आधुनिक सुविधाएं मिलने वाली है। इस एक्सप्रेसवे पर आपको ट्रैफिक और मौसम की स्थिति जानकारी उपलब्ध होगी। य

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब एक और एक्सप्रेसवे को हाईटेक बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे सफर और आरामदायक हो जाएगा।
एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को हाइटेक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके बाद एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) विकसित होगा। हां पर आपको ट्रैफिक और मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। ट्रैफिक सेंसर, कैमरे और मौसम स्टेशनों से डाटा एकीकृत करके सड़क नेटवर्क पर केंद्रित ट्रैफिक प्रबंधन करेगा। इससे आपातकालीन परिस्थितियों पर तत्काल नियंत्रण, सटीक विश्लेषण और सड़क सुरक्षा में सुधार की तकनीक विकसित होगी। यूपीडा ने इसके लिए संस्था के चयन को मान्यता दी है।
दरअसल, यूपीडा हर एक्सप्रेसवे को नवीनतम तकनीक से लैस कर रहा है। इस प्रकार का सिस्टम बनाया जा रहा है कि सुरक्षा और आपात स्थिति के बारे में तत्काल सूचना मिलेगी। इस रणनीति के तहत सड़कों पर वाहनों की गति 100 किमी से 120 किमी की गई है। ATIS यातायात प्रवाह को सुचारु बनाने, भीड़भाड़ कम करने, घटनाओं की निगरानी करने और ड्राइवरों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगा।
ATMS से लाभ मिलेगा
ATIS सिस्टम भी आगे की सड़क पर यातायात की स्थिति बता सकता है। एटीएमएस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र है। सिस्टम मौसम स्टेशनों, कैमरों और सेंसरों से डाटा लेकर ट्रैफिक प्रबंधन का एक केंद्र बनाएगा। इस सिस्टम को समय पर घटनाओं का पता चलेगा और आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत मदद मिल सकेगी। इससे सुरक्षित यात्रा का समय कम होगा।
सिस्टम भी ड्राइवरों को अलर्ट करेगा
ATIS द्वारा ट्रैफिक कैमरों से रिकॉर्ड किए गए लाइव वीडियो का भी विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे वास्तविक समय में दुर्घटनाओं या ब्रेकडाउन जैसी घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। घटना के बाद विश्लेषण और जांच के लिए लाइव वीडियो साक्ष्य भी मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक संकेतों के माध्यम से ड्राइवरों को अलर्ट करके वैकल्पिक मार्गों का पता लगाया जाएगा। उन्हें भी सड़क बंद होने या निर्माण की जानकारी दी जा सकती है। रडार और लेजर जैसी आधुनिक तकनीक से वाहनों की गति पर नज़र रखी जा सकेगी।