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UP में किसानों को पराली के बदले मिलेगी गोवंश खाद, सीएम योगी की खास योजना

UP Latest News : उत्तर प्रदेश सरकार ने 'पराली के बदले गोवंश खाद' योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करना और किसानों को इसका लाभकारी विकल्प प्रदान करना है। यह योजना न केवल पर्यावरण की सुरक्षा में मदद करेगी बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी बनेगी।

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UP में किसानों को पराली के बदले मिलेगी गोवंश खाद, सीएम योगी की खास योजना

UP Government Scheme : यूपी सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने और पराली जलाने के मामलों पर लगाम लगाने के लिए 'पराली के बदले गोवंश खाद' योजना की शुरुआत की है। यह अभियान यूपी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों की आय को बढ़ाने और पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पराली जलाने के मामलों पर लगाम

यूपी सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने और पराली जलाने के मामलों पर लगाम लगाने के लिए 'पराली के बदले गोवंश खाद' योजना की शुरुआत की है। गोवंशीय पशुओं के गोबर से बना खाद गोवंश खाद कहलाता है। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक बयान में कहा गया है कि राज्य में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है, इसलिए 28 अक्टूबर से सरकार ने 'पराली के बदले गोवंश खाद' अभियान शुरू किया।

किसानों को 1.55 लाख कुंतल गोवंश खाद

2.90 लाख कुंतल पराली प्रदेश में एकत्रित की गई, और किसानों को 1.55 लाख कुंतल गोवंश खाद दी गई। बयान में कहा गया है कि इस खाद का उपयोग जैविक खेती में किया जा रहा है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। प्रदेश के कई जिलों ने अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया, जिनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच भी शामिल हैं। बयान में कहा गया कि इन जिलों में किसानों ने खाद का लाभ लिया और बड़ी मात्रा में पराली जमा की।

जानकारी के अनुसार, अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंशों को खाद देने से निराश्रित गोवंशों को बचाया जा रहा है। बयान में कहा गया कि सरकार की यह कार्रवाई पारदर्शी सोच और अस्थायी समाधान का संकेत है। बयान के अनुसार, इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, किसानों की उत्पादन लागत कम होगी और यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगा।