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UP के किसानों को हर 15 मिनट में मिलेगी मौसम की जानकारी, इस शहर में लगा ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन

UP News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में किसानों को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली हैं। यूपी सरकार किसानों को बेमौसम फसलों की मार को काम करने के लिए प्लान बना रही हैं। इस शहर में जल्द ही ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन बनाए गए हैं। जिससे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। 

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UP के किसानों को हर 15 मिनट में मिलेगी मौसम की जानकारी, इस शहर में लगा ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में किसानों को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली हैं। यूपी सरकार किसानों को बेमौसम फसलों की मार को काम करने के लिए प्लान बना रही हैं। इससे लोगों को 15 से 15 मिनट तक मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। यह सब करेगी ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) की स्थापना । गोरखपुर जिले में खजनी में एक स्टेशन कार्यरत है। WWS जल्द ही 16 जगहों पर लगेगा।

एडब्ल्यूएस छह तहसीलों में दो-दो और सदर तहसील में चार होंगे। किसानों और ग्रामीण लोगों को इससे सबसे अधिक लाभ होगा। क्योंकि वे अब हर 15 मिनट पर मौसम की सटीक जानकारी पाएंगे। यह भी रिकॉर्ड कर सकता है कि किस क्षेत्र में कितनी बारिश हुई है। इस प्रणाली को लागू करने के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

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बजट आवंटित होते ही कार्यदायी संस्था भी निर्धारित हो गई है। यह काम आपदा प्रबंधन विभाग ने ओपल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। टीम गोरखपुर ने भी स्थान का पता लगाने के लिए सर्वे भी शुरू कर दिया है। AWS को खजनी तहसील में उपयोग के लिए स्थापित किया गया है। आपदा विभाग ने कहा कि अप्रैल तक सभी स्थानों पर एडब्ल्यूएस लगाए जाएंगे। 

फसलों पर मौसम की मार कम कर सकेंगे किसान-

प्रगतिशील किसान केशव ने कहा कि इन उपकरणों की स्थापना से किसानों को बहुत लाभ होगा। वर्तमान में वर्षा को तहसीलों के भीतर लगाए गए पारंपरिक यंत्रों से मापा जाता है। मौसम विभाग पर पूरी तरह निर्भर रहना चाहिए। उधर, तहसील कार्यालय की छत पर मौसम विभाग के ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन पर लगा एक सेंसर कौओं की बीट से खराब हो गया है। उसकी चिप भी गायब हो गई है।

मार्च के अंत तक शुरू हो जाएंगे सभी स्टेशन-

गोरखपुर के आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि बजट में घोषणा होते ही संस्था भी तैयार हो गई है और उसने सर्वे भी शुरू कर दिया है। इसके लिए खुले क्षेत्र और जमीन चुनी जा रही है। कई बार फाइनल भी हुआ है। लेकिन सभी जगह निर्धारित होते ही यहाँ लगने लगेंगे। मार्च के अंत तक दोनों उपकरण गोरखपुर में सभी स्थानों पर लगाए जाएंगे।

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