UP सरकार हजारों ग्रेजुएट्स को देगी ट्रेनिंग के साथ साथ रोजगार के अवसर, ऐसे करें अप्लाई
लखनऊ - UP में योगी सरकार ने युवाओं को व्यवहारिक प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। सरकार ने किसी भी संकाय में स्नातक छात्रों को भी मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) में शामिल करने का फैसला किया है। 2023-24 में राज्य सरकार का लक्ष्य 83,000 युवा लोगों को इसमें शामिल करना है। योगी सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
ये भी पढ़ें - Precious stones : किसान के खेत में जोर से गिरी चीज, समझ रहा था पत्थर, निकला करोड़ो का सौदा
इस योजना को हाल ही में योगी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इसका मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक युवा लोगों को अप्रेंटिस ट्रेनिंग करने के लिए उद्योगों और संस्थानों को अधिक धन देना है। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) को लागू करने वाले प्रत्येक उद्योग को अधिष्ठान द्वारा प्रत्येक ट्रेनी को दिए गए स्टाइपेंड पर केंद्रीय धनराशि के अतिरिक्त 1000 रुपए प्रति माह की अतिरिक्त धनराशि देगी।
सरकारी और निजी संस्थानों को कुशल कर्मचारी मिलेंगे
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) कुछ दिशानिर्देशों के मुताबिक काम करेगी। यह योजना सभी निजी कंपनियों और संस्थाओं में स्वतः लागू होगी, जो वर्तमान या भविष्य में एनएटीएस के माध्यम से प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। योजना का कार्यान्वयन एनएटीएस संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप होगा। प्रदेश के इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र में डिप्लोमा और सभी विधाओं में स्नातक युवाओं को शिक्षुता प्रशिक्षण के अन्तर्गत मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) से व्यवहारिक प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा. इससे विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थानों को कुशल और योग्य कर्मचारी मिलेंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित एनएटीएस में पंजीकृत प्रशिक्षु ही इस योजना से लाभ प्राप्त करेंगे। भारत सरकार द्वारा निर्धारित अवधि का शिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर अभ्यर्थी को प्रवीणता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें - UP के 378 गांवों में AI ड्रोन व रोवर सर्वे से होगी चकबंदी, फिर दिया जाएगा कब्जा
योजना में अलग-अलग प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) को लागू करने के लिए निदेशक, उच्च शिक्षा, प्रयागराज के अंतर्गत एक विभागीय कर्मचारी प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। प्रकोष्ठ, निदेशक के दिशा निर्देशन के अधीन कार्य करेगी, और अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव के अधीन कार्य करेगा। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में इसका प्रचार-प्रसार क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों व शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड (उत्तरी क्षेत्र), कानपुर के साथ मिलकर निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा किया जाएगा।
राज्य और जिला स्तर पर निगरानी
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) को लागू करने के लिए राज्य सरकार के 21 विभागों और सभी निजी क्षेत्र के संस्थानों में एनएटीएस की निगरानी की जाएगी। योजना के सफल क्रियान्वयन में उच्च शिक्षा विभाग और उत्तर क्षेत्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण बोर्ड (कानपुर) से समन्वय करते हुए राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग नोडल विभाग होगा। जिला, मंडल और राज्य स्तर पर योजना की निगरानी के लिए मॉनीटरिंग कमेटी बनाई जाएंगी।