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UP में जमीन के 100 फुट नीचे दौड़ेगी मेट्रो, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में बनेगें 12 स्टेशन

UP News : उत्तर प्रदेश में मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। अब एक नया कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जिसमें मेट्रो को जमीन के करीब 100 फीट नीचे चलाया जाएगा। इससे शहर के पुराने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी यातायात आसान और सुगम हो जाएगा।

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UP में जमीन के 100 फुट नीचे दौड़ेगी मेट्रो, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में बनेगें 12 स्टेशन  

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में अभी जमीन के 100 फुट निचे मेट्रो संचालित की जाएगी. स्कूली डोर निर्माण के बाद यातायात काफी ज्यादा आसान हो जाएगा. इस कॉरिडोर में साथ भूमिगत रेलवे स्टेशन और पांच एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में मेट्रो चारबाग से बसंतकुंज तक सौ फुट नीचे से गुजरेगी। कॉरिडोर में पांच एलिवेटेड और सात भूमिगत स्टेशन होंगे। बुधवार को मेट्रो इंजीनियर्स नगर निगम में पहुंचे। जहां पानी पाइपलाइन, सीवर और नालों के बारे में जानकारी ली और मेट्रो डिजाइन निगम के अधिकारियों से साझा की निगम और मेट्रो की टीमें अगले दो से तीन दिनों में संयुक्त सर्वे शुरू करेंगी।

वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है

21 मई को चारबाग से बसंतकुंज तक चलने वाली मेट्रो को वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है। निर्माण शुरू होने के लिए अब सिर्फ केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी चाहिए। निर्माण चार से पांच वर्ष में पूरा होने का अनुमान है। इसके बाद बहुत से लोगों को मेट्रो से आसानी होगी। कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण पर 5801 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

बुधवार को मेट्रो इंजीनियरों की एक टीम नगर निगम पहुंची। जहां चारबाग और बसंतकुंज के बीच जमीन के नीचे पानी की पाइपलाइनों, सीवरों और नालों के बारे में जानकारी ली गई मेट्रो डिजाइन अधिकारियों को भी दिखाया। भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और रेलवे ट्रैक के निर्माण के दौरान एक संयुक्त सर्वे दो से तीन दिन में शुरू किया जाएगा, जिससे सीवर, पाइपलाइन और नालों को कोई परेशानी नहीं होगी। इस मार्ग पर भी कई पुराने नाले हैं। यही कारण है कि मेट्रो कम से कम सौ फुट नीचे से गुजरेगी। मेट्रो इंजीनियर्स ने नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा से मुलाकात की। भूमिगत रूट और स्टेशन बनाने के बाद सीवर, पाइपलाइन और अन्य सुविधाएं ऊपर शिफ्ट की जाएंगी, सूत्र बताते हैं।

पीआईबी की मंजूरी मिल गई है

अभी शहर में अमौसी से मुंशीपुलिया तक मेट्रो चलती है। अब चारबाग से बसंतकुंज तक इसका संचालन दूसरे चरण में होना चाहिए। इसे मई में वित्तीय संस्थान पीआईबी (पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड) ने मंजूरी दी है। अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी चाहिए। डीपीआर को कैबिनेट भेजा गया है। ज्ञात होना चाहिए कि चारबाग से बसंतकुंज की डीपीआर को राज्य सरकार ने मार्च 2024 में मंजूरी दी है। गत वर्ष जुलाई में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने भी अनुमोदन दिया था।

लखनऊ मेट्रो एक नज़र में 

23 किमी वर्तमान मेट्रो रूट की कुल लंबाई 35 किमी होगी, जब नया रूट बनाया जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 4.286 किमी होगी, और भूमिगत भाग में 12 मेट्रो स्टेशन होंगे (7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड)।

ये भूमिगत स्टेशन होंगे

चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग (लाटूश), अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा और चौक

एलिवेटेड स्टेशन होंगे

ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, बसंतकुंज और बालागंज

इंटरचेंज स्टेशन चारबाग से बनेगा

चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद, यह अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज और अन्य क्षेत्रों को कनेक्टिविटी देगा। बसंतकुंज तक अभी कोई आसान रास्ता नहीं है। मेट्रो शुरू होने से स्थानीय निवासियों को लाभ होगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन एक इंटरचेंज स्टेशन होगा, जहां यात्री मेट्रो को दूसरे रूट पर जाने के लिए बदल सकेंगे।

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