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UP New City : 40 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा यूपी का ये शहर, मास्टर प्लान को मंजूरी में आ रही ये अड़चनें

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बैठक हुई है। प्राधिकरण के फेज-2 का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। एनसीआर के इस शहरा को करीब 40 हजार हेक्टेयर में बसाया जाना है। लेकिन कुछ अड़चनें आने की वजह से अभी काम शुरू नहीं किया गया है।
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UP New City: This city of UP will be established in 40 thousand hectares, these are the hurdles in approving the master plan

UP : ग्रेटर नोएडा फेज-2 के मास्टर प्लान में अभी कई अड़चन हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मास्टर प्लान की सैद्धांतिक सहमति जरूर दे दी है, लेकिन अभी इसमें काफी काम बाकी है। सभी स्टेक होल्डरों से बातचीत की जानी है। साथ ही, आमजन के सुझाव एवं आपत्तियां भी ली जानी हैं। इसके बाद ही मास्टर प्लान पर अंतिम मुहर लग सकेगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की इसी महीने हुई बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के फेज-2 (मास्टर प्लान 2041) मास्टर प्लान को सैद्धांतिक सहमति मिल गई थी। फेज-2 करीब 40 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि मास्टर प्लान में सभी स्टेक होल्डरों से बातचीत होनी है। इसमें सिंचाई विभाग, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, जिला प्रशासन आदि शामिल है। अगर मास्टर प्लान के एरिया कोई नहर, नाला आदि है तो इसकी सही जानकारी सिंचाई विभाग ही देगा। अगर कोई वेटलैंड या अन्य ग्रीनरी है तो इस वन विभाग बताएगा।

तालाब, झील, पोखर आदि की जानकारी जिला प्रशासन देगा, इसलिए यह बातचीत जरूरी है। फेज-2 में अधिकांश गांव गौतमबुद्ध नगर जिले के हैं। फेज-2 हापुड़ और बुलंदशहर सीमा तक पहुंच जाएगा। फेज-2 मास्टर प्लान लागू होने से गांवों के विकास का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

मास्टर प्लान तीन साल की देरी से तैयार हो रहा

ग्रेटर नोएडा के फेज-2 मास्टर प्लान की योजना 2007 में बनी थी। लंबे समय तक इस दिशा में कोई काम ही नहीं किया गया। तीन साल पहले ही मास्टर प्लान बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। अब इस दिशा में तेजी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही मास्टर प्लान बन जाएगा और उसे लागू किया जाएगा।

अतिक्रमण से परेशानी

मास्टर प्लान में देरी से तमाम दिक्कतें आ गई हैं। फेज-2 में अवैध निर्माण काफी हो गया है। गोदाम, वेयरहाउस, दुकान, स्कूल आदि बन गए। मास्टर प्लान के बाद परियोजनाओं को धरातल में उतारने पर ये निर्माण भी बाधा बन सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि मास्टर प्लान तैयार करके उसे लागू कर दिया जाए।

-एनजी रवि कुमार, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, ''ग्रेटर नोएडा के फेज-2 के मास्टर प्लान को लेकर काम चल रहा है। सभी स्टेक होल्डरों से वार्ता होगी। आम जन के सुझाव भी लिए जाएंगे।''

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