MP में बनेगा पश्चिमी रिंग रोड, इन तहसीलों के गांवों में होगा जमीन अधिग्रहण, NH-52 से जुड़ेगा
MP News : मध्य प्रदेश में रोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम रिंग रोड़ के लिए 12 गांवों का सर्वे पूरा कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत तीन तहसीलों के कई गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाना है। इस जिले में तहसील के बारह गांवों का सर्वे जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने पूरा किया है। इससे विरोध साफ था।

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर तेज़ी से हो रहे विकास की पुष्टि करती है। खासकर पश्चिम रिंग रोड (Western Ring Road) जैसे प्रोजेक्ट बड़े शहरों में ट्रैफिक को डायवर्ट करने, औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी सुधारने के लिए बनाए जाते हैं। पश्चिमी रिंग रोड की मार्ग प्रशस्त होती जा रही है। हातोद तहसील के बारह गांवों का सर्वे जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने पूरा किया है। गुरुवार को अंतिम दिन को कोई संघर्ष नहीं हुआ, जो बड़ी बात थी। NHAI की टीम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ देपालपुर और सांवेर का सर्वे करेगी।
पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण, 64 किमी लंबा और 80 मीटर चौड़ा
मध्य प्रदेश में 64 किमी लंबा और 80 मीटर चौड़ा पश्चिम रिंग रोड नेशनल हाइवे इंडिया (NHI) बनाने जा रहा है। यह शिप्रा नदी के निकट एनएच-52 में नेटेरेक्स से शुरू होगा। तीन रेल ओवर ब्रिज का निर्माण भी प्रस्तावित है क्योंकि सड़क पर दो बड़े पुल और 30 छोटे पुल बनेंगे। प्रोजेक्ट के तहत करीब 600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा, जिसमें से 550 हेक्टेयर निजी है। इंदौर में इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई है।
हातोद तहसील के बारह गांवों का सर्वे पूरा किया गया
हातोद तहसील में 12 गांवों के सर्वेक्षण के साथ 22 किमी की सड़क अब साफ है। गुरुवार को किसानों ने मंगलवार व बुधवार को कुछ जगह विरोध प्रकट किया, लेकिन गुरुवार को जिंदा खेड़ा, पंथ बड़ोदिया, कराड़िया और आकासोदा में 6.5 किमी का सर्वे हुआ। विरोधाभास नहीं हुआ। ताकि भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू की जा सके, एसडीओ रवि वर्मा अब फेहरिस्त तैयार कर रहे हैं। परिसंपत्ति घोषित की जाएगी और आपत्तियां ली जाएंगी। अवार्ड बाद में घोषित किया जाएगा।
रिंग रोड का यह महत्वपूर्ण विषय है
चौड़ाई 80 मीटर (सिक्स लेन) - 64 किमी लंबाई - 600 हेक्टेयर जमीन देपालपुर और सांवे
देपालपुर और सांवेर में सर्वे
NHAI की पूरी टीम हातोद में थी, इसलिए गुरुवार को देपालपुर और सांवेर में सर्वे नहीं शुरू हो सका। देपालपुर में पांच गांव और सांवेर में नौ गांव हैं, लेकिन 24 किमी लंबी सड़क बनानी है। भूअर्जन की प्रक्रिया सर्वेक्षण के बाद क्षेत्रीय एसडीओ द्वारा पूरी की जाएगी।
इंदौर ज़िले में अधिग्रहण की ये योजना एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की तरफ़ इशारा कर रही है—जो संभवतः किसी नई सड़क, एक्सप्रेसवे या औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Corridor) का हिस्सा हो सकता है।
यहाँ ज़ोन-वाइज़ जानकारी देखिए:
1. देपालपुर तहसील
दूरी: 18 किमी
अधिग्रहित भूमि: 145.9275 हेक्टेयर
गांव: किशनपुरा, बेटमा खुर्द, मोहना, लालेंदीपुरा, रोलाई
2. हातोद तहसील
दूरी: 22 किमी
अधिग्रहित भूमि: 165.3972 हेक्टेयर
गांव:
बड़ोदिया पंथ, कराडिया, सिकंदरी, अकसोदा, पलादी, मिर्जापुर
अरनिया, मांगलिया अरनिया, अजनोटी, जंबूदी सरवर, जिदाखेड़ा, नहर खेड़ा
3. सांवेर तहसील
दूरी: 24 किमी
अधिग्रहित भूमि: 189.4392 हेक्टेयर
गांव: बालोदा टाकून, धतुरिया, कट्टाक्या, सोलसिंदा, जेतपुरा, मुंडला हुसैन, ब्राह्मण पिपलिया, बरलाई जागीर, पीरकराडिया
धार भी 100 हेक्टेयर जमीन पर है
इंदौर के अलावा धार जिले की दो तहसील के पांच गांव आ रहे हैं। पीथमपुर तहसील के जमोदी व बरदरी। धार तहसील की अकोलिया, खंडवा व कल्याणसीखेड़ी की करीब 100 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी।