The Chopal

आखिर कब होगी महंगाई कम? आलू, प्याज, टमाटर, चावल, गेहूं, दूध और दाल के तेवर कुछ ऐसे

केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं और खाने पीने की चीजों की आपूर्ति को खुले बाजार में बढ़ाने का असर दिखा सकता है। 

   Follow Us On   follow Us on
When will inflation come down? Such are the attitudes of potatoes, onions, tomatoes, rice, wheat, milk and pulses.

Inflation: खाने-पीने की कई वस्तुओं के मूल्यों में नरमी को देखकर, सितंबर के आंकड़ों के आने की उम्मीद है, जब वे प्रकाशित होंगे, तो महंगाई दर में कमी आने की शुरुआत हो सकती है। इक्रा रिसर्च के अनुसार, अगस्त में टमाटर की मूल्यों में गिरावट आई है। इसके साथ ही, सब्जियों, चावल, गेहूं, दूध और दालों की मूल्यों में तेजी से वृद्धि न होने के कारण, संभावना है कि सितंबर तक यह छह फीसदी के आसपास पहुंच सकती है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं और खाने पीने की चीजों की आपूर्ति को खुले बाजार में बढ़ाने का असर दिखा सकता है। इक्रा ने उम्मीद जताई है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर, जुलाई में 10.6 फीसदी से कम होकर, अगस्त में 9.5 फीसदी हो सकती है और सितंबर में यह नरम होकर छह फीसदी तक पहुंच सकती है।

बोनायी का विस्तार

इस वर्ष, बारिश में गिरावट के बावजूद, देश के कई राज्यों में खरीफ की फसलों की बोनायी में वृद्धि दिखी है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 25 अगस्त तक यूपी में 0.52 मिलियन हेक्टेयर, राजस्थान में 0.37 मिलियन हेक्टेयर अधिक बोनायी हुई है। वहीं, धान की बात करते हैं तो इस बिहार में 0.46 मिलियन हेक्टेयर और छत्तीसगढ़ में 0.42 मिलियन हेक्टेयर अधिक रही है। हालांकि कर्नाटक में खरीफ की फसलों, धान, रागी, तुअर दार और कपास में कुल मिलाकर 0.75 मिलियन हेक्टेयर की गिरावट हुई है।

मुख्य फसलों का परिमाण

धान की फसल बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में पिछले साल के मुकाबले अगस्त तक अधिक है, वहीं कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कम हुई है। वहीं, दालों की फसल की बात करते हैं तो राजस्थान और झारखंड में इससे पिछले साल के मुकाबले अधिक है, वहीं मध्यप्रदेश में, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में इसकी बोनायी कम हुई है। तिलहन की बात करते हैं तो महाराष्ट्र और राजस्थान में इसकी फसल अधिक बोई गई है और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसका परिमाण पिछले साल के मुकाबले कम है।

ये भी पढ़ें - बाइक की कीमत खरीद ले ये शानदार कार, सेफ्टी व माइलेज भी लाजवाब