The Chopal

wine beer : देसी व ब्रांडेड शराब में नहीं होता कोई विशेष फ़र्क, सिर्फ इस कारण से होती है ज्यादा महंगी

यह जानने से पहले कि देसी शराब (Liquor) और अंग्रेजी शराब (Liquor) का उत्पादन कैसे होता है और इसका किसी भी रूप में सेवन करना गलत है, आपको बता दें कि शराब (Liquor) पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
   Follow Us On   follow Us on
wine beer: There is no special difference between local and branded liquor, only because of this it is more expensive.

The Chopal - यह जानने से पहले कि देसी शराब (Liquor) और अंग्रेजी शराब (Liquor) का उत्पादन कैसे होता है और इसका किसी भी रूप में सेवन करना गलत है, आपको बता दें कि शराब (Liquor) पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन शराब पीने की आदत वाले लोग देसी शराब (Liquor) पीना पसंद नहीं करते, जबकि अंग्रेजी शराब पीना पसंद करते हैं। लेकिन जानकारों को हैरानी होगी कि देसी शराब (Liquor) और अंग्रेजी शराब (Liquor) दोनों एक ही प्रक्रिया से बनाए जाते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि लोग देसी शराब (Liquor) को अंग्रेजी शराब (Liquor) के समान पीते हैं, सिर्फ हल्क में अंतर है।

ये भी पढ़ें - मोदी सरकार ने करोड़ों कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, बढ़ाया गया महंगाई भत्ता, इस दिन होगा लागू 

आपको देसी शराब (liquor) और अंग्रेजी शराब के बारे में जानने से पहले आपको बता दें कि इसे कंट्री लिकर (IML) कहा जाता है, जिसका अर्थ है इंडिया मेड कमर्शियल लिकर। वहीं, भारत में अंग्रेजी शराब (लिकर) को आईएमएफएल यानी इंडिया मेड फॉरेन लिकर कहा जाता है। ध्यान दें कि देसी शराब (Liquor) भी सरकारी कानूनों का पालन करते हुए बनाई जाती है, जो लाइसेंस की दुकान पर बेची जाती है। वहीं, अंग्रेजी शराब (Liquor) का मूल रूप देसी शराब था।

जब आप देसी शराब (liquor) और अंग्रेजी शराब बनने के तरीके को जानते हैं, तो आप दोनों में क्या अंतर है समझ जाएगा।

देसी शराब का उत्पादन कैसे होता है?

देसी शराब (Liquor) और अंग्रेजी शराब बनाने की प्रक्रिया लगभग समान है। प्योरिफाइड स्प्रिट या डिस्ट्रिल्ड शराब है। यह जानकर आपको हैरान हो जाएगा कि ये स्प्रिट अंग्रेजी शराब बनाने वाली कंपनियों को भेजे जाते हैं। यह स्पष्ट करता है कि अंग्रेजी शराब उत्पादक कंपनियां भी देसी कंपनियों से शराब बनाने का मूल लिक्विड खरीदती हैं।

ये भी पढ़ें - Weather: आने वाले चार दिनों में राजस्थान में फिर से तेज हुआ मानसून, इन 16 जिलों में जोरदार बारिश का अलर्ट जारी 

इसके बाद इसमें फ्लेवर और अन्य सामग्री मिलाकर अंग्रेजी शराब बनाया जाता है। ध्यान दें कि देशी शराब कृषि सामग्री के ड्रिस्ट्रिल्ड से बनाई जाती है, जो शराब की बोतल पर बताया जाता है, जिसमें चावल, जौ आदि शामिल हैं। इस प्रक्रिया से एक लिक्विड तैयार किया जाता है, जो शराब बनाने में महत्वपूर्ण घटक है। इसके अलावा, देसी शराब सादा होती है क्योंकि इसमें फ्लेवर या अन्य स्वाद नहीं होते। इसके अलावा, भारत में इसकी बिक्री काफी अधिक है और सरकार से टैक्स में फायदा मिलता है।

अंग्रेजी शराब का उत्पादन कैसे होता है?

भारत में अंग्रेजी शराब बनाने की प्रक्रिया अलग है, लेकिन बाहर की व्हिस्की आदि। देसी शराब से ही अंग्रेजी शराब मिलती है, यानी देसी शराब से स्प्रिट आदि खरीदते हैं। इसके बाद इसमें अलग-अलग मात्रा में स्कॉटलैंड की स्कोच मिलाकर कुछ फ्लेवर जोड़े जाते हैं। ये सब मिलाकर इसे व्हिस्की या कुछ मिलता है। भारतीय और विदेशी शराब बनाने की प्रक्रिया लगभग समान है। ध्यान दें कि अतिरिक्त घटकों को जोड़ने से एल्कोहॉल की मात्रा 40% से अधिक हो जाती है। इसकी पैकिंग भी अलग है। यही कारण है कि पैकिंग, एल्कोहॉल, स्कॉच और स्वाद के साथ इसकी कीमत भी बढ़ जाती है। साथ ही अंग्रेजी शराब पर सरकार काफी अधिक टैक्स लगाती है, जो इसकी कीमत को काफी बढ़ा देती है।
 

News Hub