UP में 320 किमी लंबे एक्सप्रेसवे को योगी सरकार की हरी झंडी, 5 जिलों से निकलेगा, छत्तीसगढ़ होगा कनेक्ट
UP News : उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों में आवागमन कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए योगी सरकार निरंतर सड़कों का जाल प्रदेश में बिछा रही है। किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति में अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों का होना अति आवश्यक है। उत्तर प्रदेश की 5 जिलों से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेस वे पर 22400 करोड रुपए की लागत राशि खर्च की जाएगी। उत्तर प्रदेश में आवागमन कनेक्टिविटी आसान होने के साथ-साथ यह एक्सप्रेस में छत्तीसगढ़ और झारखंड से भी जुड़ने वाला है।

Chhattisgarh News : उत्तर प्रदेश में सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क को सशक्त करने के लिए योगी सरकार बड़े पैमाने पर काम कर रही है। हाल ही में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार एक नया एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के 5 जिलों से होकर निकलेगा और आगे छत्तीसगढ़ व झारखंड से भी जुड़ेगा।
22400 करोड़ रुपये की लागत
योगी सरकार ने प्रयागराज से सोनभद्र तक बनने वाले विंध्य एक्सप्रेसवे (Vindhya Expressway) को मंजूरी दे दी है। योगी सरकार ने प्रयागराज से सोनभद्र तक 320 किलोमीटर लंबे विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण को लेकर हरी झंडी दे दी है। बता दे की 22400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला विंध्य एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के पांच जिलों को छत्तीसगढ़ और झारखंड से जोड़ेगा। विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे भी तैयार हो जाएगा। योगी सरकार जुलाई से राजमार्ग का निर्माण शुरू करेगी। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से को जोड़ने का काम करेगा, जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ में अहम साबित होगा।
विंध्य एक्सप्रेसवे को जानने से पहले
विंध्य राजमार्ग लगभग 320 किलोमीटर लंबा होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेला के दौरान एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। विंध्य राजमार्ग पांच उत्तर प्रदेश के जिलों से गुजरेगा। इस राजमार्ग का पहला पड़ाव दिल्ली होगा। यह प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली से होकर सोनभद्र तक जाएगा। इस विंध्य राजमार्ग से लगभग 320 किलोमीटर की दूरी पर छत्तीसगढ़ और झारखंड को भी जोड़ा जाएगा। यूपीडा इस राजमार्ग को बनाएगा।
100 किलोमीटर लंबा विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा
विंध्य एक्सप्रेसवे के साथ एक अतिरिक्त लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई जा रही है। निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे विंध्य और बुंदेलखंड को पूर्वांचल से सीधे जोड़ देगा। विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे लगभग 100 किलोमीटर लंबा है। इस सिक्स लेन एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत लगभग 7000 करोड़ रुपये होगी।
चंदौली से लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा और विंध्य एक्सप्रेसवे धार्मिक क्षेत्र से जुड़ेगा
विंध्य एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर चंदौली से सोनभद्र तक जाएगा। चंदौली से विंध्य एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। यह राजमार्ग चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल राजमार्ग के गाजीपुर से जुड़ेगा। 100 किलोमीटर लंबी राजमार्ग को विंध्य पूर्वांचल लिंक राजमार्ग नाम दिया गया है। योगी सरकार ने प्रयागराज और वाराणसी के बीच एक नया धार्मिक क्षेत्र बनाने का ऐलान किया है। इस धार्मिक क्षेत्र में प्रयागराज,वाराणसी,मिर्जापुर भदोही, चंदौली, गाज़ीपुर और जौनपुर शामिल हैं।
वाराणसी विंध्याचल आर्थिक क्षेत्र का प्रत्यक्ष लाभ
नीति आयोग धार्मिक क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना से लेकर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से खाका बना रहा है। विंध्य एक्सप्रेसवे की स्थापना भी धार्मिक क्षेत्र को विकसित करने में सहायक होगी। नीति आयोग के अध्यक्ष ने भी पिछले दिनों वाराणसी में अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण वाराणसी-विंध्याचल इकोनामिक रीजन को सीधे लाभ देगा। प्रयागराज और वाराणसी के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक क्षेत्र को विकसित किया जाना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए नीति आयोग ने मेगा इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा। इन जिलों में पर्यटन स्थलों को और बढ़ाना होगा। नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि पर्यटक जब इस क्षेत्र में आते हैं तो सभी जिलों का दौरा करें, जिससे पूर्वांचल की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी।
विंध्य एक्सप्रेसवे के फायदे – एक नजर में
राज्य संपर्क मज़बूत होगा
मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
सफर का समय बचेगा
एक्सप्रेसवे के निर्माण से 3 से 5 घंटे तक की यात्रा समय की बचत होगी, जिससे आवागमन सुगम और तेज़ हो जाएगा।
कारोबार को बूस्ट
पूर्वांचल के औद्योगिक व व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, खासकर MSME और कृषि आधारित कारोबार में।
बुंदेलखंड से पूर्वांचल का सीधा संपर्क
अब इन दोनों क्षेत्रों के बीच डायरेक्ट और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी होगी, जिससे ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा।
पर्यटन को बढ़ावा
विंध्य क्षेत्र, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में मौजूद धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल अब अधिक सुलभ होंगे, जिससे पर्यटन उद्योग को नई रफ्तार मिलेगी।