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Electricity Crisis: हरियाणा में बिजली संकट ने बढ़ाई चिंता, खेदड़, पानीपत व झाड़ली की तीन इकाइयों में उत्पादन ठप

Power Crisis in Haryana: हरियाणा में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली संकट गहरा गया है। अगले कुछ दिनों तक बिजली संकट के कम होने के आसार नहीं हैं। प्रदेश की तीन बिजली उत्पादन इकाइयों ने अचानक काम करना बंद कर दिया और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) से भी हरियाणा को अपनी बिजली का पूरा हिस्सा नहीं मिल रहा है।
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Electricity Crisis

Haryana : हरियाणा के साथ हुए समझौते के मुताबिक अदानी ग्रुप ने अभी तक राज्य को बिजली देनी आरंभ नहीं की है। नतीजतन राज्य में बिजली उत्पादन, उपलब्धता और वितरण को लेकर गंभीर स्थिति बन गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली की कमी को गंभीरता से लेते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला व बिजली सचिव पीके दास को संकट से निपटने के त्वरित प्रयास करने के आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री रविवार को करीब आधा दर्जन कार्यक्रमों में व्यस्त रहे, लेकिन बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर वह अधिकारियों को फोन पर आदेश देते रहे। उम्मीद की जा रही है कि अदानी ग्रुप की ओर से हरियाणा को 1424 मेगावाट बिजली जल्द मिल जाएगी। तब तक हरियाणा पावर एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदकर प्रदेश की जनता को देगा।

हालांकि केंद्रीय बिजली विनियामक आयोग के आदेश हैं कि पावर एक्सचेंज में कोई भी प्राइवेट कंपनी 12 रुपये प्रति यूनिट से अधिक दर पर बिजली नहीं बेच सकती, लेकिन हरियाणा को 10 से 11 रुपये प्रति यूनिट में बिजली खरीदनी पड़ रही है।

हरियाणा सरकार के पास 12 हजार 175 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। पिछले तीन से चार दिनों के बीच सात हजार से साढ़े सात हजार मेगावाट बिजली की मांग की जा रही है, जबकि राज्य सरकार छह हजार मेगावाट तक बिजली का इंतजाम कर पा रही है। यानी डेढ़ हजार मेगावाट बिजली की जरूरत पूरी नहीं हो रही।

हरियाणा की बिजली उत्पादन इकाइयों में सिर्फ 1100 से 1200 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। बाकी बिजली का इंतजाम अन्य स्रोत से करना पड़ रहा है। खेदड़ की एक 600 मेगावाट क्षमता की बिजली यूनिट 2020 से बंद है। 

चीन से हालांकि उसका रोटर पहले ही आ चुका है, लेकिन उसे इंस्टाल करने वाले इंजीनियर भारत नहीं पहुंच रहे हैं। 600 मेगावाट क्षमता की ही दूसरी यूनिट का बायलर अचानक लीक करने लगा, जिस कारण इसमें बिजली का उत्पादन बंद हो गया है।

पानीपत थर्मल की 250 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट ने भी उत्पादन बंद कर दिया है, जबकि पहली पांच यूनिट पहले से बंद हैं। फिलहाल 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर छह और 250 मेगावट क्षमता की यूनिट नंबर सात ही बिजली उत्पादन कर रही हैं।

सीएलपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संचालित 555 यूनिट की महात्मा गांधी सुपर थर्मल पावर यूनिट ने काम करना बंद कर दिया है। यह झज्जर जिले के झाड़ली में स्थित है, जिसकी अगले 18 से 20 दिनों के भीतर ही ठीक होने की संभावना है।

हरियाणा को बीबीएमबी से 846 मेगावाट बिजली मिलती है, लेकिन बारिश कम होने के कारण बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा, जिस कारण हरियाणा को सिर्फ 500 से 550 मेगावाट बिजली ही बीबीएमबी से मिल पा रही है। हरियाणा को सबसे अधिक सस्ती बिजली बीबीएमबी से 59 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिलती है।
 
यमुनानगर की 300-300 मेगावाट की दोनों बिजली यूनिट फिलहाल काम कर रही हैं, लेकिन उन पर लोड बढ़ता जा रहा है। हरियाणा सरकार ने बिजली के लिए 2008 में अदानी ग्रुप के साथ समझौता किया था।

इस समझौते के तहत अदानी ग्रुप हरियाणा को 1424 मेगावाट बिजली देता है, जो कि अभी उसे नहीं मिल पा रही है। यह बिजली हरियाणा को तीन रुपये 43 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिलती है। हरियाणा सरकार की ओर से इस बिजली को हासिल करने के लिए अदानी ग्रुप के साथ निरंतर संपर्क साधा जा रहा है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा की बिजली उत्पादन क्षमता बहुत है, लेकिन बहुत से कारण ऐसे हो जाते हैं, जिस कारण मांग बढ़ जाती है और उत्पादन कम हो जाता है, लेकिन तमाम स्रोत से हम लोगों की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। पावर एक्सचेंज से हम रात को बिजली खरीदते हैं और लोगों को सप्लाई करते हैं।

सीएम ने कहा कि अदानी ग्रुप के साथ भी समझौते की बिजली देने की बात चल रही है। हमारे अधिकारी बीबीएमबी के संपर्क में भी हैं। खराब इकाइयों को सुचारू बनाने की दिशा में काम चल रहा है। 

मैंने बिजली की उपलब्धता के बारे में तमाम अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। जब तक थोड़ी बहुत मुश्किल है, मैं लोगों से सहयोग की अपील करता हूं। साथ ही भरोसा दिलाता हूं कि बहुत जल्द ही बिजली के संकट का समाधान कर लिया जाएगा।
 
आंकड़ों में बिजली

बिजली की उत्पादन क्षमता - 12 हजार 175 मेगावाट
मांग 7400 मेगावाट
उत्पादन 1100 मेगावाट
तमाम स्रोत से इंतजाम 6000 मेगावाट
कमी 1500 मेगावाट

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