तेल हमेशा पानी के ऊपर क्यों तैरता है, ना धुलने की हैं खास वजह
Oil and Water: पानी में तेल डालने पर अक्सर वह एक दूसरे में नहीं मिलते। यह कोई आम घटना नहीं है; इसके पीछे विज्ञान है। पानी में अन्य पदार्थ आसानी से पाए जा सकते हैं, लेकिन ऑयल नहीं। ऐसे में आप भी सोच सकते हैं कि इसके कारण क्या है? आज की कहानी में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि ऐसा करना संभव है या नहीं, और अगर नहीं तो इसके कारण क्या हैं?
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इसके पीछे विज्ञान है
पानी में तेल नहीं होने का एक कारण उसके भौतिक गुण हैं। ऑयल कोई आवेश नहीं है क्योंकि यह एक गैर-ध्रुवीय अणु है। यही कारण है कि पानी एक ध्रुवीय अणु है। इसका अर्थ है कि वह आवेशपूर्ण है। आवेश धनात्मक और ऋणात्मक होता है। आपस में मिलने के लिए दोनों में कोई आवेश नहीं है। इसलिए, दोनों लिक्विड रूप में होने के बावजूद भी आपस में नहीं मिल सकते।
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इस वजह से आपस में नहीं मिलते
तेल और पानी के आपस में मेल नहीं होने के लिए ज्यादा दो वजह हैं। बल्कि सरफेस टेंशन भी एक बहुत महत्वपूर्ण वजह है। तेल के अणु हल्के होने के वजह पानी के ऊपर तैरते हैं। पानी की विषाक्तता भी एक महत्वपूर्ण कारण है, जिसकी कारण से तेल में पानी नहीं घुल सकता। विस्कोसिटी, यानी श्वेत रंग ऑयल की तुलना में श्यानता पानी कम चिपचिपा होता है, इसलिए वह आसानी से बहता है। यह दोनों को मिलने नहीं देता। आपने देखा होगा कि तेल टच करने पर वह चिपचिपा सा लगता है।
रासायनिक वजह -
तेल की तैयारी का रासायनिक कारण हाइड्रोकार्बन है। उसे हाइड्रोकार्बन कहते हैं, जो कार्बन और हाइड्रोजन के परमाणुओं से बना है। वहीं, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और पानी (H2O) मिलकर बनता है। संघटन में मौजूद अंतर तेल और जल को आपस में बंध नहीं करता। जब तक बॉन्ड नहीं बन जाएगा, ऑयल और पानी एक दूसरे से नहीं मिल सकते।