Bike Buying Tips: आपकी ये 5 गलती सेकंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदते समय पड़ेगी भारी, हो जाएं सावधान
Bike Tips: वर्तमान समय में बढ़ती महंगाई को देखते हुए नई बाइक या नई गाडी खरीदना हर किसी के बजट में नहीं होता, इसलिए ऑटो बाजार में सैकेंड हैंड बाइक की मांग लगातार बनी रहती है। अगर आप भी इस समय बाजार से सैकेंड हैंड बाइक या बाइक खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, वरना आपको नुकसान उठाना पड़

The Chopal : भारत में पुराने स्कूटर और बाइक की मांग कम नहीं हुई है, हालांकि नए टू-व्हीलर लगातार आ रहे हैं। सेकंड हैंड टू-व्हीलर को ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीदने के दोनों तरीके उपलब्ध हैं। इस समय, बजाज पल्सर, होंडा शाइन और हीरो स्प्लेंडर जैसे मॉडल काफी लोकप्रिय हैं (How To Check Second Hand Bike)। पुरानी स्कूटर या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, नहीं तो आपको यह सौदा बहुत महंगा पड़ सकता है।
सर्विस इतिहास को चेक करें -
सैकेंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदते समय सबसे महत्वपूर्ण बात सर्विस हिस्ट्री रिकॉर्ड चेक करना होता हैं। ये रिकॉर्ड हमें बताता है कि गाड़ी को कितनी बार नियमित सर्विसिंग की गई है और कौन-से पार्ट्स बदले गए हैं।अगर गाड़ी का सर्विस हिस्ट्री रिकॉर्ड सही है, तो इसका मतलब है कि गाड़ी को अच्छे से रखरखाव किया गया है और यह आपके बजट के अनुरूप हो सकता है। बहुत से लोग सर्विस हिस्ट्री रिकॉर्ड देखे बिना डील फाइनल कर लेते हैं, जिससे बाद में उन्हें मुसीबत आती है। ऐसी गलती न करें।
इंश्योरेंस के सभी पत्रों को देखें -
सेकंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदते समय इंश्योरेंस के बारे में सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है। अक्सर लोग इंश्योरेंस की अवधि खत्म होने पर भी उसे रिन्यू कराना भूल जाते हैं। ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है अगर कोई दुर्घटना होती है। यही कारण है कि बाइक या स्कूटर खरीदने के बाद सबसे पहले अपनी बीमा अवधि की जाँच करें। यदि बीमा खत्म होने वाला है तो उसे तुरंत रिन्यू करा लें।
राइड के बिना डील को समाप्त न करें -
आप भी सैकेंड हैंड बाइक या स्कूटर खरीदने से पहले उसे चलाकर देखना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप गाड़ी की असली स्थिति का पता चलेगा। चलाते समय गाड़ी के पिकअप, गियर शिफ्टिंग और एक्सीलेरेटर पर ध्यान देना चाहिए। यदि आपको कोई चलाने में कोई कठिनाई महसूस होती है। तो डील को आगे बढ़ाएँ नहीं। बहुत बार लोग सिर्फ इंजन चालू करके गाड़ी को चेक करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है।
मैकेनिक को भी दिखाएँ -
गाड़ी खरीदने से पहले उसे मैकेनिक से चेक जरूर करवा ले। क्योंकि मैकेनिक गाड़ी की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण कर सकता है और आपको बता सकता है कि क्या यह खरीदने के लिए उपयुक्त है या नहीं। उसे इंजन, ब्रेक, टायर, लाइट्स और अन्य आवश्यक भागों की जांच करने की क्षमता है। यदि आप किसी मैकेनिक को गाड़ी दिखाने में असमर्थ हैं, तो आप खुद भी गाड़ी को ध्यान से चेक कर सकते हैं।
NOC को न भूलें -
टू-व्हीलर सेकंड हैंड खरीदते समय मालिक से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना अनिवार्य है। ये भी सुनिश्चित करें कि गाड़ी पर कोई लोन नहीं है। यदि आपकी गाड़ी लोन लेकर खरीदी गई है तो आपको लोन देने वाले व्यक्ति से NOC लेना होगा।