The Chopal

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के 45 गांवों में बाढ़ के हालत, आमजन और किसानों को हुआ भारी नुकसान

UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में 45 गांवों में बाढ़ के पानी से स्थिति खराब हो चुकी है। राप्ती नदी पिछले तीन दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी की वजह से कछार इलाके के आमजन में बाढ़ को लेकर दहशत फ़ैल गई है. 

   Follow Us On   follow Us on
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के 45 गांवों में बाढ़ के हालत, आमजन और किसानों को हुआ भारी नुकसान 

Uttar Pradseh News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बाढ़ से लगातार स्थिति खराब होती जा रही है। जिले का आमजन दो सप्ताह से बाढ़ के हालात से जूझ रहा हैं. राप्ती नदी में नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से पिछले तीन दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राप्ती नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी होने की वजह से 45 गांवों में बाढ़ का पानी अंदर घुस चुका है। 

घरों को पहुंचा नुकसान 

जिले में बाढ़ के चलते काफी लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है। दर्जन से ज्यादा घर तबाह हो गए हैं. बाढ़ के हालात होने से बीमारियां बढ़ने का खतरा भी ज्यादा मंडरा रहा है। लोगों के आने-जाने के लिए प्रभावित गांवों में प्रशासन की तरफ से 85 नाव उपलब्ध करवाई गई है। प्रशासन की तरफ से सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय रहने का आदेश दिया गया है।

राप्ती नदी के पानी से डूबे ये गांव

नदी खतरे के निशान पर बह रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, कल रविवार शाम 4 बजे राप्ती नदी का जलस्तर 75.71 मीटर था। पिडहनी, मरकडी, खोहियापट्टी, हिंगुहार, लखनौरी, लखनौरा, भटपुरवा, केवटान, कोइलीखास,  मोहन पौहरिया, मछरगांवा, सूबेदारनगर माझा, बिहुआ उर्फ अगलगौवा, मंझरियां, बड़गों आदि गांवों का जलस्तर लगातार बढ़ने से पानी गाँव में घुस गया हैं। 

तबाही का आलम 

सरयू की बाढ़ ने जैतपुर, खैराटी, कोटिया निरंजन, कोलखास, ज्ञानकोल, अजयपुरा, गोरखपुरा, सीधेगौर, बरडीहा और गायघाट सहित कई गांवों को नुकसान पहुँचाया है। रामनगर डुमरी के गोपलामार तटबंध पर पानी का दबाव सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में अभयपुरा, दिस्तवलिया, गोनहा, बल्थर, गोनघट, कोटियानिरंजन, कोलखास, ज्ञानकोल, बगहादेवार, खैराटी और मुसाडोही गांव हैं।

ग्रामीणों का हुआ भारी नुकसान

बाढ़ की वजह से लोगों को काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा है. गांव और खेतों में पानी भर जाने की वजह से किसानों की खेतों में फसल खराब हो चुकी है। घरों में रखा सामान  और राशन पानी घुसने से खराब हो रहा है। पानी घुसने से कई घर तो गिर भी चुके हैं.  ग्रामीण लोगों की माने तो बाढ़ से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. इस नुकसान की कोई भी भरपाई नहीं कर सकता है।