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आम आदमी को महंगाई की मार, आटे के बाद दालों के दामों में आग, जानें कब मिलेगी राहत

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The Chopal, नई दिल्ली. आगामी कुछ ही दिनों में इस साल का बजट पेश होने वाला है जिससे देश के लोगों ने कई उम्मीदें भी लगा रखी है. लेकिन इससे पहले आम आदमी के लिए रसोई का बजट कुछ बढ़ गया है. दालों की कीमत में देश के कई हिस्सों में अब तेजी देखी गई है. वहीं अरहर के दाम MSP से भी ऊपर चल रहे हैं. इसके पीछे बाजार जानकारों ने दलहन फसलों के उत्पादन पर हुए असर से सप्लाई घटने को वजह बताया है.

आपको बता दें कि फिलहाल एक्सपर्ट्स की नजर उड़द, मूंग और अरहर जैसी दालों पर अधिक है जिनका उत्पादन प्रभावित हुआ है. हालांकि जानकारों के अनुसार देश के कई हिस्सों में दालों की उपज में बढ़ोतरी भी हुई है. वहीं विदेशों से सप्लाई बढ़ने के साथ ही कीमतें नियंत्रण में आने की उम्मीद है.

देश में इतनी बढ़ गई अरहर की कीमतें

पिछले कुछ समय में अरहर की कीमतों में तेजी भी देखी गई है और फिलहाल इसके दाम एमएसपी से ज्यादा चल रहे हैं. कर्नाटक में 18 जनवरी को अधिकतम भाव 11900 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किए गए. वहीं महाराष्ट्र में इसकी कीमत 11500 रुपये प्रति क्विंटल, उत्तर प्रदेश में 9990 रुपये प्रति क्विंटल और गुजरात में 7200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं. बताया जा रहा है कि सप्लाई में कमी की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है.

देश में इतनी कम हुई दाल की आवक

नए साल की शुरुआत से 18 जनवरी तक कर्नाटक में 25680 टन तक दाल की आवक दर्ज हुई. यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में काफ़ी कम भी है. उस समय यह आंकड़ा 31193 टन तक था. वहीं महाराष्ट्र में इसी दौरान दाल की आवक 20983 टन से घटकर 18297 टन तक आ गई. जबकि गुजरात में ये आंकड़ा 4717 टन से कम होकर 3811 टन तक आ गया है.

बढ़ती कीमतों पर एक्सपर्ट की राय 

कृषि से जुड़े मामलों के जानकार सुनील बलदेवा का कहना है कि फिलहाल उड़द, मूंग और अरहर को लेकर चिंता भी बनी हुई है. इस बार इन फसलों की उपज मौसम के कारण प्रभावित हुई है. जिसका असर कीमतों पर भी दिख रहा है. हालांकि सरकार के स्टॉक में मूंग की मात्रा पर्याप्त है इसलिए इसकी कीमतों पर नियंत्रण भी रहेगा. वहीं उड़द की भले ही देश में पैदावार पर असर हुआ हो लेकिन पड़ोसी देश बर्मा में इसका काफी अच्छा उत्पादन हुआ है जिससे इसकी सप्लाई को लेकर कोई चिंता की बात बिल्कुल नहीं है.

अरहर की दाल बनी चिंता की वजह

सुनील बलदेवा के अनुसार देश में चने और मसूर की फसल अच्छी होने की उम्मीद है जिससे इन दालों की कीमतें नीचे तक रह सकती हैं. उनका कहना है कि फिलहाल सबसे बड़ी चिंता अरहर की दाल को लेकर है. देश में अब अफ्रीकी देशों से दाल की सप्लाई हो भी रही है और अगले 3 हफ़्तों में 50 से 60 हजार टन तक और दाल की आवक होगी. इसी के साथ अफ्रीकी देशों से कुल 4 लाख टन दाल की सप्लाई भी हो जाएगी जिससे आगे कीमतों पर असर भी दिख सकता है.

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