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Union Budget 2023: आगामी बजट सत्र में मोदी सरकार के इस ऐलान से देश में सस्ते होंगे पेट्रोल-डीजल

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Budget 2023: देश में हर साल बजट से पहले आम आदमी के उम्मीदों की पोटली भी खुल जाती है। इनमें से कुछ उम्मीद तो पूरी होती हैं और कुछ के अगले साल पूरी होने का इंतजार भी रहता है। हर बार की तरह इस बार उम्मीद है कि मोदी सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बजट में एक बड़ा राहत भरा ऐलान करेंगी। और इस ऐलान में वह पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में शामिल कर सकती हैं। देश भर के एनर्जी इंडस्ट्री के दिग्गजों को इस बात की उम्मीद है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में वित्त मंत्री पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का ऐलान भी कर सकती हैं।

30 जून और 1 जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल से पीएम नरेंद्र मोदी ने GST लागू करने का ऐलान भी किया गया था। और देश में GST लागू करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि वन नेशन वन टैक्स की पॉलिसी लागू भी की जाए। लेकिन 5 साल बीतने के बाद भी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) जीएसटी में कोई जगह नहीं मिली है।

भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अब भी एक्साइज ड्यूटी और VAT जैसे टैक्स सरकार द्वारा लगाए जाते हैं। अगर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स हटाकर GST लागू कर दिया जाता है तो ट्रेडर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट्स (ITC) को क्लेम कर सकते हैं। इससे उनकी कुल लागत में भी बहुत कमी आएगी।

इससे कंज्यूमर्स को होगा ये फायदा?

इस साल बजट में अगर फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का फैसला भी करती हैं तो इंडस्ट्री के साथ-साथ कंज्यूमर्स को भी बड़ी राहत मिल सकती है। एक्साइज ड्यूटी और VAT की जगह सिर्फ एक टैक्स GST लगने से फ्यूल प्राइस में भी कमी आएगी।

जानिए पेट्रोल-डीजल की कीमत का पूरा सटीक गणित 

इंडस्ट्री के साथ-साथ आम आदमी भी लगातार बढ़ते फ्यूल प्राइस से बहुत परेशान रहता है। पेट्रोल-डीजल सहित किसी भी तरह के फ्यूल की कीमत 4 चीजों से भी तय होती है। सबसे पहले किसी भी फ्यूल का भाव।इसमें बेसिक कीमत के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी शामिल रहता है। इसके बाद कीमत में डीलर का कमीशन भी जुड़ता है। फिर उस दाम में केंद्र सरकार की तरफ से लगाया गया उत्पाद शुल्क (Excise Duty) भी जुड़ जाता है। फिर जो कीमत निकल कर आती है उस पर अलग-अलग राज्य अपने हिसाब से वैल्यू एडेड टैक्स यानि VAT भी लगाते है। यह फाइनल कीमत होती है जिस पर आप पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी और VAT की जगह सिर्फ एक टैक्स GST लगे तो फ्यूल भी फिर सस्ता हो जाएगा।

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