एक हजार से शुरू हुआ बिजनेस देगा 10 लाख की कमाई, बस इन बातों का करना होगा पालन
आप सुनकर हैरान रह जाएंगे की आप एक हजार रुपये लगाकर इस किसान की तरह सालाना दो करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकता है। यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन बहुत से किसानों ने ऐसा करके अच्छी कमाई की हैं। चलिए जानते है।

The Chopal, Business Idea : बिहार की राजधानी पटना में एक एक साझा फेस्टिवल मनाया जाता है। बिहार के सभी जिलों से किसानों की एक विस्तृत श्रृंखला आम के इस दो दिवसीय फेस्टिवल में आती है। यहां पर करीब 54 वैरायटी के आम इसमें प्रदर्शित किए गए हैं। मियाज़ाकी वैरायटी का आम सभी को अपनी और आकर्षित कर रहा है। लाल रंग, मीठा स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। उसकी सबसे बड़ी विशेषता इसका मूल्य है। जापान में ₹200000 की बोली लगी। फिलहाल, छत्तीसगढ़ में प्रति किलो 40 हजार रुपये की कीमत है।
उन्होंने कहा कि यह दुनिया में सबसे महंगे आमों में से एक है, बागवानी कर करोड़ों की कमाई। एक एकड़ जमीन पर 300 पौधे लगाने से एक किसान पांच साल बाद हर साल एक करोड़ रुपये कमाई कर सकता है। तीसरे वर्ष से फल लगना शुरू होगा। एक हजार रुपये खर्च कर करोड़ों रुपये बनाना संभव है। तीसरे वर्ष में एक पेड़ 20 से 25 किलो फल देगा। पांचवें वर्ष तक पांच-छह किलो फल देगा। किसान एक पेड़ से आसानी से दो करोड़ रुपये की कमाई कर सकता है अगर वह प्रति किलो 40 हजार रुपये भी बेच देता है। जिससे ये किसान आसानी से 10 लाख की कमाई हर पेड़ से कर रहे है। शुरुआती कुछ विशेष प्रयास की जरूरत है।
बिहार की मिट्टी पर भी उत्पादन संभव है
यह आम फल बिहार की मिट्टी में फूल रहा है, उन्होंने बताया। इसे पटना और मुजफ्फरपुर में किसानों ने लगाया है। इसे सूरज की रोशनी बहुत चाहिए। इस आम पौधे की कीमत 600 रुपये से 1000 रुपये तक है। ऑर्गेनिक रूप से उपजाने पर यह अधिक मीठा होता है। इसका शेल्फ लाइफ 15 से 20 दिन है। यह ठंडे स्थान पर तीन से चार महीने तक फ्रेश रह सकता है।
क्या है इसकी विशिष्टता?
उसने बताया कि दूसरे आमों की तुलना में यह आम औषधीय गुणों से भरपूर है। ज्यादातर प्रजातियों की तुलना में मियाज़ाकी का स्वाद बहुत मीठा होता है और रेशा नहीं होता। इसकी विशिष्ट सुगंध लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फोलिक एसिड और बीटा कैरोटीन शामिल हैं। इसलिए इसे खाना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसका रंग लाल है। इसमें कोई फाइबर नहीं है। इसकी मिठास ही पहचान है।