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Cheque Bounce Law : चेक बाउंस पर कितनी मिलती है सजा और जुर्माना, चेक लेने से पहले जान ले इससे जुड़े नियम

चेक बाउंस होने पर बैंक आपको रसीद देता है, जिसमें बाउंस होने की वजह बताई जाती है। यदि आपका चेक बाउंस होता है, तो 30 दिन के अंदर देनदार को नोटिस भेजना होगा।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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Cheque Bounce Law : चेक बाउंस पर कितनी मिलती है सजा और जुर्माना, चेक लेने से पहले जान ले इससे जुड़े नियम 

The Chopal, Cheque Bounce Law : चेक बाउंस, इसे बैंकिंग में बुरा माना जाता है। कभी-कभी रिसाइवर्ड चेक को बैंक में भुगतान करने के लिए भेजा जाता है, तो वह रिसाइवर्ड हो जाता है। बिना किसी भुगतान के, बैंक इस चेक को वापस भेज देता है। इस स्थिति को चेक बाउंस कहते हैं। Drawer, या देनदार, एक व्यक्ति है जो चेक करता है और उस पर साइन करता है। Payee, या लेनदार, एक व्यक्ति है जो चेक लेकर बैंक में भुगतान करता है। यदि चेक नहीं चलता है, तो जानिए क्या करना चाहिए।

चेक बाउंस करना अपराध है

चेक बाउंस होने पर आपका पैसा नहीं मिलेगा। इसके अलावा पैसे आपके अकाउंट से ही कटेंगे। यदि कोई व्यक्ति आपको चेक द्वारा भुगतान करता है और आप उस चेक को बैंक में जमा करते हैं, तो आपको चेक बाउंस होने की जानकारी उस व्यक्ति को देनी होगी।

उस व्यक्ति को एक महीने के अंदर भुगतान करना होगा। आप उसे लीगल नोटिस भेज सकते हैं अगर वह व्यक्ति समय पर भुगतान नहीं करता है। यदि वह तब भी नहीं देता, तो आप उसके खिलाफ केस कर सकते हैं।

1881 के Negotiable Instrument Act के सेक्शन 138 के तहत आप उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकते हैं। सही समय पर भुगतान न करने पर आपका केस आपराधिक शिकायत के तौर पर दर्ज किया जाएगा।

धारा 138 कब लागू होगी?

धारा 138 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है किसी भी तरह का कर्ज या बकाया पैसों की रिकवरी न होने पर या फिर दो पक्षों के बीच हुए लेनदेन के बाद जब पेमेंट न मिले और चेक बाउंस हो जाए। धारा 138 के तहत केस भी दर्ज किए जा सकते हैं अगर लोन के डिस्चार्ज का चेक बाउंस हो जाता है। ऐसी स्थिति में चेक देने वाले को दो वर्ष की सजा और ब्याज के साथ दोगुनी रकम देनी पड़ सकती है। याद रखें कि आपके निवास स्थान पर केस दर्ज किया जाएगा।

3 महीने में चेक प्राप्त करें

चेक मिलने के 3 महीने के अंदर उसे अपने अकाउंट में जमा कर दें। 3 महीने के बाद चेक वेलिडिटी समाप्त हो जाती है। किसी से पैसे उधार लिए हैं, तो चेक का प्रयोग करें। किसी भी संस्था को डोनेशन देने के लिए सिर्फ चेक का उपयोग करें। आप चाहें तो लोन आदि का भुगतान करने के लिए पोस्ट डेटेड चेक भी दे सकते हैं।

बैंक ने बताया कि चेक बाउंस की वजह

चेक बाउंस होने पर बैंक आपको रसीद देता है, जिसमें बाउंस होने की वजह बताई जाती है। यदि आपका चेक बाउंस होता है, तो 30 दिन के अंदर देनदार को नोटिस भेजना होगा। लेनदार नोटिस भेजने के 15 दिन बाद भी कोई उत्तर नहीं देता है, तो उसके खिलाफ केस दायर कर सकता है। बकवास करने पर देनदार को दो वर्ष की सजा हो सकती है। साथ ही, देनदार को ब्याज का पूरा पैसा चुकाना होगा।

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