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CIBIL Score : लोन EMI नहीं भरने के साथ साथ इन वजहों से खराब होता है सिबिल स्कोर

CIBIL Score : हमारे बैंक से लेनदेन की प्रक्रिया को सिबिल स्कोर में तीन अंकों की संख्या बताती है। जब आप लोन EMI लेते हैं, तो बैंक हमारी पूरी बैंकिंग रिकॉर्ड चेक करता है। सिबिल का स्कोर बहुत कुछ पर निर्भर करता है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि EMI न भरने से सिबिल स्कोर गिर जाता है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हैं। हम जा रहे हैं। 

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CIBIL Score : लोन EMI नहीं भरने के साथ साथ इन वजहों से खराब होता है सिबिल स्कोर

The Chopal, CIBIL Score : सिबिल स्कोर को सिर्फ लोन की रीपेमेंट हिस्ट्री नहीं प्रभावित करती है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है।

सिबिल स्कोर इन सभी कारकों से प्रभावित होता है। भविष्य में बैंक से लोन लेना चाहते हैं और अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आपको दूसरे कारक जानना चाहिए। 

CIBIL स्कोर मैनेज करें

बैंक लोन देने से पहले उपभोक्ता सिबिल स्कोर (CIBIL score) की जांच करते हैं। सिबिल स्कोर कम होने पर बैंक लोन नहीं देते। उपभोक्ता को अधिक ब्याज दर भुगतनी पड़ती है अगर उनका CIBIL स्कोर कम है भी। ऐसे में आप अपने सिबिल स्कोर को नियंत्रित करके रखना जरूरी है। 

ये बातें सिबिल स्कोर को प्रभावित करती हैं

लोगों का मानना है कि सिबिल स्कोर (CIBIL score) केवल लोन रीपेमेंट का इतिहास पर निर्भर करता है। लेकिन इससे अलग भी कई कारक सिबिल स्कोर पर प्रभाव डालते हैं। इसमें सबसे पहले यह ध्यान रखना होगा कि आप अपने क्रेडिट कार्ड और लोन का भुगतान समय पर करें। तभी CIBIL स्कोर हिस्ट्री को स्ट्रांग बनाकर रख सकते हैं। 

क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो भी CIBIL स्कोर से प्रभावित होता है। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो, जो आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा, या CIBIL स्कोर प्रभावों, में से कितना पैसा खर्च कर रहे हैं और कितना पैसा खर्च करना रहता है, का अंतर है।

आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक से अधिक प्रयोग से बढ़ेगा। 70,000 हजार रुपये खर्च करने पर आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो 70% होगा, अगर आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा एक लाख रुपये है। कम रखना बेहतर है।

30 प्रतिशत से अधिक क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो नहीं होना चाहिए 

वहीं, आप अब कितना क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो चाहते होंगे। तो बता दें कि आपका क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन रेश्यो 30 प्रतिशत से अधिक नहीं हो तो सही है। यह अधिक हो सकता है, लेकिन यह हर महीने बढ़ा जाता है क्योंकि बैंक मानते हैं कि आपकी आय पर्याप्त नहीं है कि आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। इससे भी आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है। 

लोन टाइप पर भी निर्भर है

यदि आप अपना CIBIL स्कोर (CIBIL Score) सुधारना चाहते हैं तो लोन प्रकार में भी समानता रखें। सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन दो प्रकार के होते हैं। यही कारण है कि अपने सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन को एक-दूसरे से मिला लें। ज्यादा अन-सिक्योर्ड लोन लेना आपके सिबिल स्कोर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और भविष्य में अधिक लोन लेना मुश्किल हो सकता है।  

लोन सेटलमेंट न करें

लोन लेने के बाद लोग अक्सर उसका भुगतान नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बैंक आपको लोन सेटल करने के लिए ऑपश्न देता है। आप भी लोन से बचने के लिए ऐसा करते हैं। लेकिन लोन सेटलमेंट को अच्छी तरह से नहीं देखा जाता। अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आप लोन को उस समय सेटल कर लें और बाद में पैसे मिलने पर अपने सभी बकाया को जमा कर दें। यह आपके सिबिल स्कोर को सुधारेगा। 

लोन चेक बार-बार न करें

लोन लेने से पहले, लोगों को कई बैंकों से लोन इन्कवायरी (CIBIL Score) की जांच करनी चाहिए, जो लोन संस्थान क्रेडिट ब्यूरो को आपकी रिपोर्ट देता है। तो सिबिल स्कोर बार-बार चेक हो सकता है। वहीं, बार-बार लोन लेने से भी इसका असर होता है, हार्ड इन्क् वारी बार-बार लोन लेना है।