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EPFO: 10 हजार की बेसिक सैलरी से 2 करोड़ तक कैसे पहुंचाएं अपना रिटायरमेंट फंड, जानिए पूरा हिसाब

EPFO के जरिए 10,000 रुपये की बेसिक सैलरी से 37 साल में 2 करोड़ रुपये का फंड जमा करना संभव है। हर महीने का छोटा सा योगदान और नियमित सैलरी बढ़ोतरी रिटायरमेंट के बाद एक अच्छा खासा फंड बना सकती है। EPF की गारंटीड रिटर्न और कंपनी का योगदान आपकी रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार तैयार करते हैं।
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EPFO: 10 हजार की बेसिक सैलरी से 2 करोड़ तक कैसे पहुंचाएं अपना रिटायरमेंट फंड, जानिए पूरा हिसाब

EPFO: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए पहले से निवेश करना बहुत जरूरी है। इसका मकसद एक मजबूत फंड बनाना है, ताकि बुढ़ापे में आपको पैसे की चिंता न हो। इस मामले में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक बहुत अच्छा और सुरक्षित विकल्प है। यह आपके पैसे को सुरक्षित रखता है और आपको अच्छा रिटर्न भी मिलता है।

चाहे आपकी सैलरी कम हो, EPF के जरिए आप भी एक मजबूत रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपकी बेसिक सैलरी 10,000 रुपये है, तो भी आप अच्छा खासा फंड जमा कर सकते हैं।

EPFO पर गारंटीड रिटर्न:

मार्केट में कई निवेश और रिटायरमेंट योजनाएं हैं, लेकिन EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) की स्कीम्स का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। EPFO आपको बेहतर ब्याज दरें देता है, जो अन्य बचत योजनाओं से कहीं ज्यादा हैं। इसके अलावा, EPFO हर साल गारंटीड रिटर्न भी देता है, जिससे आप रिटायरमेंट के लिए अच्छा फंड बना सकते हैं। हालांकि बाजार से जुड़ी कई ऐसी स्कीम्स हैं जो EPF से ज्यादा रिटर्न दे सकती हैं, लेकिन इनमें कुछ जोखिम भी होते हैं और ये आपके रिटायरमेंट तक एक बड़ा फंड जुटाने की गारंटी नहीं देतीं।

EPFO स्कीम कैसे काम करती है?

इस स्कीम में, हर महीने आपकी कंपनी आपकी बेसिक सैलरी का 12% काटती है, और कंपनी भी उतना ही योगदान देती है। कंपनी का योगदान दो हिस्सों में बंटता है, 8.33% पेंशन स्कीम में जाता है और 3.67% आपके प्रोविडेंट फंड में जमा होता है।

कौन EPF का लाभ उठा सकता है?

EPF का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड होते हैं। अगर किसी संगठन में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, तो उस संगठन को EPFO के साथ रजिस्टर करना जरूरी है। वहीं, जिन संगठनों में 20 से कम कर्मचारी हैं, वे अपनी मर्जी से EPFO में रजिस्टर कर सकते हैं। सभी वेतनभोगी कर्मचारी EPF स्कीम का हिस्सा बन सकते हैं। खासकर, 15,000 रुपये या उससे कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए EPF में रजिस्टर होना अनिवार्य है, जबकि 15,000 रुपये से ज्यादा कमाने वाले कर्मचारी इस स्कीम को अपनी इच्छा से चुन सकते हैं।

EPF कब निकाल सकते हैं?

आप EPF फंड को रिटायरमेंट के समय या नौकरी छोड़ने पर निकाल सकते हैं, अगर आपने सभी जरूरी शर्तें पूरी की हों। यदि कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो उनके परिवार के सदस्य (आश्रित) को EPF का लाभ मिल सकता है।

आइए अब इसे समझते हैं:

मान लीजिए एक कर्मचारी की उम्र 23 साल है और उसे 60 साल की उम्र तक काम करने का अनुमान है, यानी अगले 37 साल तक। उसकी बेसिक सैलरी 10,000 रुपये है, और EPF में उसका मासिक योगदान 1,200 रुपये होगा, जबकि कंपनी भी उतना ही योगदान करती है। इस योगदान में से 367 रुपये EPF फंड में जाते हैं, और बाकी 833 रुपये कर्मचारी की पेंशन स्कीम में जाते हैं। इसके अलावा, हर साल उसकी सैलरी में 10% की बढ़ोतरी होती है। इस हिसाब से, अगले 37 सालों में कर्मचारी का कुल EPF योगदान 68,46,018 रुपये होगा। इस रकम पर मिलने वाला ब्याज 1,30,08,857 रुपये होगा। इस प्रकार, कर्मचारी का लगातार EPF में योगदान और सैलरी बढ़ोतरी उसे रिटायरमेंट के समय एक अच्छी वित्तीय सुरक्षा और राशि प्रदान करेगी।इस तरह, 37 साल के बाद कर्मचारी के पास कुल जमा राशि या मैच्योरिटी अमाउंट 1,98,54,875 रुपये हो जाएगी।

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