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निराश्रित पशुओं से किसानों की फसल बचेगी, 75 हजार किसानों को तारबंदी पर मिलेगा अनुदान

Agriculture News: राजस्थान में नीलगाय और निरसिक पशुओं से फसलों को बचाने के लिए अब किसानों को बड़ी सहूलियत सरकार की तरफ से मिलने वाली है। किसानों की दिन रात मेहनत करके पाली गई फसलों को नीलगाय नष्ट कर देती हैं।

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निराश्रित पशुओं से किसानों की फसल बचेगी, 75 हजार किसानों को तारबंदी पर मिलेगा अनुदान

The Chopal: राजस्थान में किसानों की फसलों को नीलगाय और अन्य आवारा पशुओं से बचाने के लिए सरकार ने नई योजना तैयार की है। यह योजना किसानों को उनकी मेहनत से उगाई गई फसलों की सुरक्षा के लिए बड़ी सहूलियत देने वाली है। राजस्थान सरकार ने निराश्रित पशुओं और नीलगाय से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं। बजट में इस वर्ष 75 हजार किसानों को 30 हजार किलोमीटर तारबंदी के लिए 324 करोड़ रुपये का अनुदान देने का प्रस्ताव है। 

सरकार किसानों के हित में समर्पित

उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई के अनुसार राज्य सरकार किसानों के हित में समर्पित है। उन्होंने वादा किया कि तारबंदी के सामूहिक आवेदन के लिए आवश्यक न्यूनतम पांच हेक्टेयर की जगह 2.5 हेक्टेयर करने के बारे में परीक्षण करवाया जाएगा, जो किसानों के हित में होगा। 50 हजार किसानों को 20 हजार किलोमीटर में तारबंदी के लिए वर्ष 2024-25 में 216.80 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।

कितनी सब्सिडी मिलेगी?

400 रनिंग मीटर तक तारबंदी (Tarbandi) लगाने पर लघु और सीमान्त किसानों को लागत का 60 प्रतिशत, या अधिकतम 48,000 रुपये, और सामान्य किसानों को लागत का 50 प्रतिशत, या अधिकतम 40,000 रुपये, अनुदान मिलेगा। दस या अधिक किसानों के समूहों में न्यूनतम पांच हेक्टेयर में तारबंदी करने पर प्रोरेटा बेसिस पर अनुदान दिया जाता है. इस परिधि पर तारबंदी करने पर लागत का 70%, या अधिकतम 56,000 रुपये, जो भी कम हो, मिलेगा। प्रति किसान चार सौ रनिंग मीटर अनुदान मिलेगा।

कौन लाभ उठाता है

सभी श्रेणी के किसान इस योजना से लाभ उठाएंगे। आवेदनकर्ता, चाहे व्यक्ति हो या किसान समूह हो, एक ही स्थान पर कम से कम 1.5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए।  अनुसूचित जन जाति क्षेत्रों में जोत का आकार छोटा होने के कारण एक ही स्थान पर कम से कम 0.5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। सामुदायिक आवेदन में दस या अधिक किसानों के एक समूह के पास निधारित पेरीफेरी में न्यूनतम पांच हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए, और समूह की भूमि की सीमा निर्धारित पेरीफेरी में होनी चाहिए।

आवेदन कैसे करें

आवेदन करने के लिए "कृषक राज किसान साथी पोर्टल" पर स्वयं या निकटतम ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकेंगे। आवेदक केवल ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने के बाद रसीद प्राप्त कर सकेंगे। आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, छह महीने से अधिक पुरानी जमाबंदी की नकल और बैंक खाते से संबंधित विवरण।

जरूरी जानकारी

जिन किसानों का जनआधार पर लघु या सीमान्त कृषक श्रेणी में पंजीयन (सिडिंग) है, वे अनुदान के लिए पात्र हैं। यदि जनाधार में लघु या सीमान्त किसानों के पंजीयन की सुविधा नहीं है, तो किसानों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु या सीमान्त का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। 

मोबाइल पर डेटा मिलेगा

तारबंदी स्थापना के लिए प्रशासनिक मंजूरी आवेदन के बाद कृषि विभाग द्वारा दी जाएगी। कृषि पर्यवेक्षक या मोबाइल मैसेज इसकी जानकारी देंगे।  तारबंदी की सूचना मिलने से पहले और कार्य पूरा होने पर जियोटेगिंग अनुदान राशि सीधे किसान के खाते में जमा होगी।