Income Tax Rule : देश का ऐसा राज्य, जहां करोड़पतियों को भी नहीं भरना पड़ता टैक्स
Income Tax : भारत में इनकम टैक्स पर कई नियम हैं। टैक्स के दायरे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आय का एक निश्चित प्रतिशत सरकार को कर देना होता है। टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सरकार इनकम टैक्स सीमा को बदलती है। हाल ही में सरकार ने फरवरी 2025 में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से छूट दी है। लेकिन आप जानते हैं कि भारत में एक राज्य है जहां लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होता है? नीचे खबर में जानें:

The Chopal, Income Tax : 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने वाला है, इसलिए आईटीआर भरने की आखिरी तारीख भी जल्द ही आ जाएगी। जिससे हर व्यक्ति टैक्स भरने की योजना बना रहा है। भारत सरकार ने इनकम टैक्स पर कई कानून बनाए हैं। यदि आपकी वार्षिक आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है, तो आपको टैक्स देना होगा।
किस टैक्स स्लैब में आप आते हैं और कितना टैक्स भरना होगा, इनकम पर निर्भर करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा भी राज्य है जहां सरकार जनता से टैक्स नहीं वसूलती है।
इस राज्य के नागरिकों को एक रुपया भी कर नहीं देना होगा -
हम भारत के सिक्किम राज्य की बात कर रहे हैं। जो एक विश्वव्यापी टैक्स-मुक्त देश बनना चाहता है। यह भारत का एकमात्र राज्य है जहां मूल निवासियों को टैक्स पर एक रुपया भी नहीं देना होता है। ऐसे में आपको यह सवाल उठ रहा होगा कि सिक्किम को यह अनुमति क्यों मिली? अगर वहाँ के लोग लाखों-करोड़ों रुपये कमाते हैं, तो भी उन्हें टैक्स देना क्यों नहीं चाहिए?
जब 1975 में सिक्किम को भारत में विलय किया गया, तो राज्य ने सिर्फ इस शर्त पर विलय किया कि वह अपने विशिष्ट स्टेटस को बरकरार रखेगा और पुराने कानून का पालन करेगा। जब भारत सरकार ने इस शर्त को स्वीकार किया, तो सिक्किम भारत में शामिल हो गया।
ये इनकम टैक्स नियम लागू होते हैं:
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10 (26AAA) के अनुसार, विलय से पहले सिक्किम में रहने वाले परिवारों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। फिर चाहे व्यक्ति कितनी भी कमाई कर रहा हो। जो लोग बाद में जाकर सिक्किम में रहते हैं, उन्हें टैक्स देना होगा।
राज्य में सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाला राज्य—
Sikkim में जहां टैक्स नहीं लगता महाराष्ट्र दूसरे और सबसे अधिक टैक्स देने वाले राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। पिछले वित्त वर्ष में राज्य ने डायरेक्ट टैक्स के रूप में 7,61,716.30 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। डायरेक् ट टैक्स कलेक्शन 48,333.44 करोड़ रुपये के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।