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Personal Loan: बैंक से पर्सनल लोन लेते समय काम आएंगी ये 6 बातें, रखिए खास ध्यान

पर्सनल लोन लेने से पहले जानें ये 6 जरूरी बातें जो आपके लिए बड़ी मददगार साबित होंगी। कैसे बचें ज्यादा ब्याज, छुपे हुए चार्ज, कर्ज के जाल और क्रेडिट स्कोर खराब होने से.
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Personal Loan: बैंक से पर्सनल लोन लेते समय काम आएंगी ये 6 बातें, रखिए खास ध्यान

TheChopal: पर्सनल लोन को अक्सर इमरजेंसी लोन कहा जाता है क्योंकि यह जल्दी पैसे लेने का आसान तरीका होता है, खासकर जब आपके पास पैसे कम हों या कहीं और से मदद न मिल रही हो। लेकिन इसे बिना सोच-समझे लेना सही नहीं होता। बाद में इसकी ईएमआई, ज्यादा होने की वजह से कई लोग परेशानी में पड़ जाते हैं और उन्हें इसका पछतावा होता है।

अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो इन 6 बातों का ध्यान जरूर रखें, ताकि आपको इसके फायदे और नुकसान समझ में आ जाएं और बाद में आपको अपने फैसले पर पछतावा न हो।

ज्यादा ब्याज दर 

पर्सनल लोन एक ऐसा लोन होता है जिसमें आपको कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती। इसलिए बैंक या वित्तीय संस्था के लिए यह रिस्क वाला लोन होता है। इसी कारण वे इस लोन पर ज्यादा ब्याज लगाते हैं। ये ब्याज दरें आमतौर पर 10% से 24% तक या इससे भी ज्यादा हो सकती हैं, जो होम लोन या कार लोन की तुलना में काफी अधिक होती हैं।

क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर 

अगर आप अपनी EMI समय पर नहीं देते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर (जैसे CIBIL स्कोर) जल्दी गिर सकता है। खराब क्रेडिट स्कोर होने से भविष्य में होम लोन या कार लोन जैसे दूसरे लोन लेना मुश्किल हो जाता है।

टैक्स में कोई फायदा नहीं 

होम लोन या एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर आपको टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन पर्सनल लोन पर ऐसा कोई टैक्स लाभ नहीं होता। इसका मतलब है कि पर्सनल लोन की पूरी रकम आपको अपनी जेब से ही चुकानी पड़ती है, टैक्स में कोई बचत नहीं होती।

कर्ज के जाल में फंसने का खतरा 

पर्सनल लोन आसानी से मिल जाता है, इसलिए कई लोग इसे गैरजरूरी खर्चों जैसे छुट्टियों या महंगे मोबाइल लेने के लिए भी ले लेते हैं। लेकिन अगर सही से संभाला न जाए तो एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लेना पड़ता है और फिर कर्ज का जाल बन जाता है।

ज्यादा फीस और छुपे हुए खर्च 

पर्सनल लोन में सिर्फ ब्याज ही नहीं, बल्कि कई तरह के और भी खर्च होते हैं, जैसे – प्रोसेसिंग फीस: यह लोन की कुल रकम का 1% से 3% तक हो सकती है।

इसके अलावा भी कुछ बैंक और कंपनियां कुछ छुपे हुए चार्ज भी लगा सकती हैं।

प्री-पेमेंट चार्ज : अगर आप लोन की पूरी राशि समय से पहले चुका देते हैं, तो बैंक आपसे कुछ पेनल्टी या अतिरिक्त शुल्क ले सकता है।

लेट पेमेंट फीस: अगर आप EMI समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपको ज्यादा जुर्माना देना पड़ सकता है।

GST: इन सभी फीस और चार्ज पर GST भी लगता है, जिससे लोन की कुल लागत और बढ़ जाती है।

कम चुकाने की अवधि 

पर्सनल लोन आमतौर पर 1 से 5 साल में चुकाना होता है, कुछ मामलों में यह 7 साल तक भी हो सकता है। कम समय में लोन चुकाने का मतलब है कि EMI ज्यादा होगी, जिससे आपका मासिक बजट पर ज्यादा दबाव पड़ेगा।