Pulses Rate: चना और चना दाल त्यौहारों के सीजन में हुए महंगे, जेब पर पड़ेगा भारी असर

Chana Daal Price Hike: त्यौहार का सीजन आने से पहले चना और चना दाल की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है. जिससे आम आदमी की रसोई का बजट बढ़ने वाला है. इन दालों की में जुलाई महीने में रिटेल कीमतों में साल के आधार पर मामूली गिरावट देखी गई थी. दरअसल भारत में त्योहारों के सीजन पर चना दाल और चने से बने हुए बेसन का इस्तेमाल बढ़ जाता है. क्योंकि लोग बेसन का इस्तेमाल मिठाइयां और नमकीन बनाने के लिए करते हैं. इसलिए त्योहार पर बढ़ती हुई कीमतें लोगों को परेशान कर सकती है.
चना और चना दाल की कीमतों में 10% का उछाल आया है. पिछले 12 महीनों में दालों के भाव दो अंक से नीचे नहीं उतर रहे. जून के महीने में दालों की महंगाई दर 21% तक पहुंच गई थी. जुलाई में 3.54% कमी आई. परंतु अब फिर उछाल आने लगा है.
त्योहारों के सीजन में चने के रूप में बेसन अनेक मिठाइयों और नमकीन में इस्तेमाल किया जाता है. त्योहार के अवसर पर इन मिठाइयों की खपत बढ़ जाती है. इस दौरान लोगों का बजट बढ़ सकता है. दालों में बढ़ रही कीमतों के चलते सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए कई उचित कदम उठाए हैं इसके बावजूद भी यह दोहरे अंक पर बनी हुई है.
महंगी बिक रही दाल
उद्योग से मिले आंकड़ों के अनुसार खुदरा बाजार में गत महीने जो दाल 80 से 85 रुपए बिक रही थी वो महंगी होकर अब 90 से 95 रुपए बिक रही है. काबुली चना भी खुदरा बाजार में पीछे नहीं है यह 115 से 125 बिकता हुआ 130 से 140 रुपए प्रति किलो हो गया है. त्यौहार का सीजन आते ही चना और चना दाल की खपत बढ़ जाती है. पिछले दो महीने में हल्की राहत मिलने के बाद चना और चना दाल में 10% की बढ़ोतरी हो गई है.
साल 2022-23 में देश की फसलों से दालों का अनुमान उत्पादन 26.05 मिलियन टन था. जबकि देश में खपत इससे ज्यादा बढ़कर 28 मिलियन थी. अभी के समय में बाजार में सभी दालों की बढ़ी हुई है. उद्योग के अनुसार, पीली मटर का आयात ज्यादा हो रहा है जिसके चलते चना की डिमांड कम रह रही है. इसलिए भाव स्थिर रह सकते हैं.