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RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर नियमों में किया बदलाव, लोन धारकों को तगड़ा फायदा

RBI Rules : बैंक से लोन लेते समय सबसे पहले जिक्र सीबील स्कोर का आता है। चलिए आपको सबसे पहले सिबील स्कोर के बारे में बताते है।  उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी को पैसा उधारा देते है और यदि बड़ी रकम देनी है तब आप ये देखेंगे कि पैसा वापस मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। क्या आपने पैसे मांगने वाला इतना सक्षम है कि वह पैसा लौटा देगा। उसका पहले का व्यवहार कैसा है यानी ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। क्या वापस देने में कोई आना-कानी तो नहीं की है। चलिए जानते है पूरी जानकारी 

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RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर नियमों में किया बदलाव, लोन धारकों को तगड़ा फायदा 

The  Chopal, RBI Rules :  भारत रिजर्व बैंक द्वारा जारी नियमों को लागू करने और उनमें संशोधन (amendments in rules of cibil score) का काम करता है। अभी हाल ही में भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई के द्वारा क्रेडिट स्कोर (credit score rules) से सबंधित नियमों में बदलाव किया है। सिबिल स्कोर सही रखना एक मुख्य जिम्मेवारी होती है। CIBIL यानी क्रेडिट स्कोर की कर्ज लेते वक्त अहमियत काफी बढ़ती है।

आपको तुरंत लोन मिल जाएगा अगर आपका क्रेडिट स्कोर (loan process) काफी बढ़िया है और आप सभी शर्तों पर खरे उतरते हैं। लेकिन, खराब क्रेडिट स्कोर होने पर क्रेडिट कार्ड या कर्ज मिलना बहुत आसान नहीं होता है। बैंक और NBFC अक्सर सीधे मना कर देते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब रिजर्व बैंक ने बैंकों (reserve bank of India new rules) और वित्तीय संस्थाओं के लिए सिबिल स्कोर पर नए नियम लागू किए हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास 
(RBI Governor Shaktikanta Das) ने इसकी घोषणा की। नया नियम क्या है और इसका ग्राहकों और बैंकों पर क्या प्रभाव होगा?

अब 15 दिन में अपडेट होगा CIBIL स्कोर  

केंद्रीय बैंक ने नए नियम लागू किए हैं, जिसके अनुसार अब सभी बैंकों और गैर बैंकिंग बैंकों को ग्राहकों (Non-Banking Financial Companies) का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट करना होगा। उन्हें हर दो हफ्ते में क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (credit information companies) को ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी, साथ ही उनका भुगतान समय पर किया गया है या नहीं, भेजना होगा। CIC उस डेटा को तुरंत अपडेट करेगा। बैंकों और ग्राहकों दोनों इससे लाभ (Credit Institutions) उठाएंगे। साथ ही पारदर्शिता बनी रहेगी। 

बैंक ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में बदल सकता है। क्रेडिट इंस्टीट्यूशन और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (credit information companies) 15 दिनों के अंतराल में अपने डेटा को अपडेट करने के लिए खुद से कोई निर्धारित तिथि निर्धारित कर सकती हैं अगर वे चाहें।

इन नए नियमों से मिलेगा फायदा   

हाल ही में आरबीआई ने जारी किए गए ये नए नियम बैंकों और ग्राहकों (credit score update) दोनों के लिए फायदेमंद होंगे। जल्द ही क्रेडिट स्कोर अपडेट होने से बैंक (bad cibil score range) और NBFC बेहतर निर्णय ले सकेंगे कि किसे कर्ज देना चाहिए या नहीं। 15 दिन के भीतर अगर कोई ग्राहक लोन पर डिफॉल्ट करता है, तो उसका पता चल जाएगा।

इसके अलावा, ग्राहकों को इन नियमों से लाभ होगा क्योंकि अब से उनके क्रेडिट स्कोर जल्दी अपडेट किए जाएंगे। तो स्पष्ट है कि वे लोन लेने से पहले अपने खराब क्रेडिट स्कोर को पहले से ही जानते रहेंगे, यानी उनका क्रेडिट स्कोर (Risk Assessment of a Good Credit Score) सुधर रहा है या नहीं। साथ ही, अच्छे क्रेडिट स्कोर का जोखिम मूल्यांकन अधिक निष्पक्ष है और उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा।

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