RBI : एक बार फिर सस्ता हुआ लोन, RBI के तोहफे से घटेगी EMI
RBI repo rate decision : आरबीआई ने कुछ समय पहले लोनधारकों को राहत देने के लिए पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती की थी, जिससे ग्राहकों को लोन लेना और लोन की ईएमआई (MPC Meeting) चुकता करना आसान हो गया था. अब आरबीआई फिर से ग्राहकों को लाभ देने वाली है। आरबीआई फिर से ब्याज दरों में कटौती का निर्णय लेने वाला है।

The Chopal, RBI repo rate decrese decision : आरबीआई हर दो महीने में MPC की बैठक करता है। आरबीआई ने इससे पहले हुई एमपीसी मीटिंग में रेपो रेट को 6.25% कर दिया, जिससे लोन लेने वालों को काफी राहत मिली। आरबीआई ब्याज दरों में कटौती को लेकर फैसला लेने के लिए अब MPC मीटिंग फिर से आयोजित की जा सकती है।
रेपो रेट पर आरबीआई का निर्णय-
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरबीआई इस बार 7 से 9 अप्रैल के बीच एमपीसी मीटिंग (MPC Meeting kya hai) कर सकता है। फरवरी में हुई इस मीटिंग से पहले रेपो रेट को कम करने का निर्णय लिया गया था, जिसके बाद लगभग सभी बैंकों ने ब्याज दर में भी गिरावट की थी। एमपीसी बैठक में फिर से रेपो रेट में कटौती की संभावना है। अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
रेपो रेट कितनी कम हो सकता है-
मौद्रिक नीति समिति की बैठक रेपो रेट में कटौती का अंतिम निर्णय लेगी। रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की गिरावट इस बार भी हो सकती है; फरवरी में भी रेपो रेट में इतनी ही गिरावट हुई थी, जिसके बाद नया रेपो रेट 6 प्रतिशत होगा। यदि रेपोट रेट में कटौती होती है तो आपको भी कम EMI देना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेपो रेट का फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर असर है
रेपो रेट में गिरावट का कारण क्या है?
सरकार और आरबीआई रेपो रेट में कटौती के तहत लोगों की परचेजिंग शक्ति को बनाए रखना चाहते हैं। आरबीआई के रेपो रेट में कटौती के बाद खुदरा मुद्रास्फीति भी घटी। आरबीआई द्वारा रेटपो रेट में गिरावट के बाद आर्थिक वृद्धि होगी और अधिक नौकरियों का उत्पादन होगा।
जानें रेपो रेट:
दरअसल, आपको बता दें कि देश की केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, वाणिज्यिक बैंकों को लोन देने के लिए ब्याज दरों को रेपो रेट कहते हैं। आरबीआई शॉर्ट टर्म लोन (Short Term Loans) को इस दर पर एक निश्चित सीमा पर देता है। बैंक लंबे समय के लिए ये लोन देना चाहते हैं तो ये बैंक रेट के आधार पर दिए जाते हैं।
रेपो रेट का ब्याज दरों पर प्रभाव—
Repo rate kya hai घटने या बढ़ने पर ही लोन महंगा पड़ेगा या सस्ता होगा। बैंकों को लोन देना अब महंगा हो जाएगा अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, जिससे सामान्य ग्राहकों को लोन मिलना भी महंगा हो जाएगा। वहीं इसके विपरीत, रेपो रेट में गिरावट होने से बैंकों को लोन कम मिलता है। आप कम ब्याज दर पर बैंक से लोन ले सकते हैं। इस प्रकार रेपो रेट ब्याज दरों पर प्रभाव डालता है।