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RBI ने जारी की सेफ 3 बैंकों लिस्ट, ग्राहकों का कभी नहीं डूबेगा पैसा

Safest Bank Of India : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक को D-SIBs (Domestic Systemically Important Banks) के रूप में मान्यता दी है। D-SIBs का दर्जा उन बैंकों को दिया जाता है जो देश की बैंकिंग प्रणाली और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।

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RBI ने जारी की सेफ 3 बैंकों लिस्ट, ग्राहकों का कभी नहीं डूबेगा पैसा

Domestic Systemically Important Banks : भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक का D-SIBs के रूप में चयन यह दर्शाता है कि ये बैंक देश की आर्थिक स्थिरता के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। इनके मजबूत प्रदर्शन और नियामकीय अनुपालन से भारत की बैंकिंग प्रणाली में विश्वास और स्थिरता बनी रहती है। RBI की यह पहल देश के वित्तीय ढांचे को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक और ICICI बैंक को देश के सबसे सुरक्षित बैंकों के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चुना है। इन बैंकों को सिस्टमिकली इम्पॉर्टेंट बैंकों (D-SIBs) के रूप में वर्गीकृत करने के लिए यह श्रेणीकरण किया गया है।

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक और ICICI बैंक देश के सबसे सुरक्षित बैंक हैं, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बनाए हैं। इन तीनों बैंकों को D-SIBs में मान्यता दी गई है। 2024 में, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और ICICI बैंक को फिर से भारत की अर्थव्यवस्था का हिस्सा माना गया। इन बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टम इंपोर्टेंट बैंकों (D-SIBs) का दर्जा दिया गया है। इन तीनों बैंकों को देश में सबसे सुरक्षित बैंक बताया गया है। इन बैंकों को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि देश की अर्थव्यवस्था पर उनकी विफलता गहरा असर डाल सकती है। इन बैंकों को सुरक्षित रखना सरकार की पहली प्राथमिकता है ताकि ऐसा कुछ न हो।

D-SIBs क्या हैं?

13 नवंबर को D-SIB बैंकों की सूची प्रकाशित हुई। जैसा कि पिछले साल, RBI ने इस साल भी SBI, HDFC और ICICI बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टम इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा दिया है। अब प्रश्न उठता है कि डी सिब्स क्या करेगा? आपको बता दें कि इस सूची में शामिल बैंकों का मानना है कि वे घरेलू व्यवस्था में महत्वपूर्ण हैं। ये भी देश में सबसे सुरक्षित बैंकों में से हैं। वास्तव में, अगर ये बैंक डूबे तो देश की पूरी अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में, क्योंकि सरकार उनकी आवश्यकता को जानती है, वह खुद इन्हें बचाने के लिए आ जाएगी।

लिस्ट कैसे बनाई जाती है?

31 मार्च 2024 तक प्राप्त आंकड़ों के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक डी-सिब्स बैंकों की सूची बनाता है। घरेलू व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बैंकों को CET1 (एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1) मेंटेन करना चाहिए। जिन्हें अपने बकेट से अधिक कॉमन इक्विटी टियर 1 बनाकर रखना होगा। इस जमा पूंजी ही जोखिमों से बच सकती है।

D-SIBs कब शुरू हुए?

2014 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने इन बैंकों को पहली बार घरेलू सिस्टम में सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया था। 2015 में SBI और 2016 में ICICI बैंक इस लिस्ट में शामिल हुए। 2017 में, HDFC बैंक को इस लिस्ट में शामिल किया गया था।