RBI Rules : क्या बैंक द्वारा माइनस में किया जा सकता है अकाउंट बैलेंस, RBI का ये है नियम
RBI Rules : कई बैंकों ने ग्राहकों के खातों पर न्यूनतम बैलेंस रखने के नियम बनाए हैं। बैंक उन पर शुल्क लगाता है यदि ग्राहक का बैलेंस इन निर्धारित सीमाओं से कम है। ऐसे में, आपके लिए इस आरबीआई नियम को जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है:
The Chopal, RBI Rules : कई बैंकों ने ग्राहकों के खातों पर न्यूनतम बैलेंस रखने के नियम बनाए हैं। बैंक उन पर शुल्क लगाता है यदि ग्राहक का बैलेंस इन निर्धारित सीमाओं से कम है। कभी-कभी यह शुल्क इतना होता है कि खाते का बैलेंस माइनस में चला जाता है।
क्या बैंकों को ऐसा करने का अधिकार है? आरबीआई का नियम क्या कहता है? आरबीआई ने इसी मामले में यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया (अनाउट अकाउंट बैलेंस यस बैंक मामला)।
RBI के नियमों को जानें-
आरबीआई ने कहा है कि यदि ग्राहक अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो वे चार्ज करके अपने खाते का बैलेंस माइनस में नहीं कर सकते। यदि ग्राहक के खाते में न्यूनतम बैलेस से कम पैसा है, तो उसे काटा जा सकता है। लेकिन नेगेटिव बैलेंस नहीं बनाया जा सकता।
RBI ने जुर्माना लगाया-
आरबीआई ने यस बैंक से 91 लाख रुपये का जुर्माना वसूला क्योंकि बैंक में न्यूनतम बैलेंस नहीं थे। 2014 में केंद्रीय बैंक ने इस बारे में निर्देश जारी किए थे। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर खाते का बैलेंस माइनस नहीं हो सकता।
क्या बैंक कर सकते हैं: आरबीआई (Reserve Bank Of India) की नियमों के अनुसार, बैंक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों को पहले सूचित करेंगे। साथ ही, ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस न रखने पर क्या जुर्माना लगेगा बताना होगा।
- बैंक इसके बाद ग्राहकों के खाते में मौजूद बैलेंस तक फाइन लगा सकते हैं। यदि खाते में कम पैसे हैं, तो भी आप माइनस में बैलेंस नहीं कर सकते। ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधाओं को बैंक रोक सकता है।
- बैंक भी कोई चार्ज नहीं वसूल सकते यदि ग्राहक अपना बैंक अकाउंट बंद करना चाहता है।
- बैंक ग्राहक के खाते को बेसिक खाते में भी बदल सकता है। लेकिन इसके लिए भी ग्राहक की सहमति चाहिए।