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RBI ने कही बड़ी बात, अब दूसरों की लापरवाही से Credit Score पर नहीं पड़ेगा असर

Updates - बैंक ग्राहकों का कहना है कि लोन डिफॉल्ट खत्म होने के बावजूद बैंकों और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) अपनी वर्तमान स्थिति को नहीं बताते। इससे उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जिससे कम ब्याज दरों पर लोन मिलने में मुश्किल होता है। इस बीच, रिज़र्व बैंक ने एक नवीनतम अपडेट जारी किया है। जिससे बचना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

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RBI ने कही बड़ी बात, अब दूसरों की लापरवाही से Credit Score पर नहीं पड़ेगा असर 

The Chopal, Updates - बैंक ग्राहकों का कहना है कि लोन डिफॉल्ट खत्म होने के बावजूद बैंकों और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) अपनी वर्तमान स्थिति को नहीं बताते। उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन मिलने में मुश्किल होता है क्योंकि उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की इस समस्या को हल किया है। नए निर्देशों के अनुसार, बैंकों और CIC को समय पर और सही तरीके से अपडेट करने की आवश्यकता होगी, ताकि ग्राहकों को सही क्रेडिट स्कोर मिल सके।

डेटा अपडेट को तेज करें—

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट हिस्ट्री स्टोर करने वाले बैंकों, वित्त कंपनियों और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CIC) को निर्देश दिए हैं। RBI ने ग्राहक डेटा को तेजी से अपडेट करने पर जोर दिया है और ग्राहकों को बदलते क्रेडिट स्टेटस के बारे में सूचित करने पर भी जोर दिया है। Jun 2023 में, रिज़र्व बैंक ने चार CIC पर क्रेडिट विवरणों को अपडेट नहीं करने पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया। यह ग्राहक की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

जुर्माना भी है-

भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों को हल करने में देरी पर जुर्माना लगाने का नियम बनाया है। यदि शिकायत प्रारंभिक दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर नहीं हल की जाती है, तो ग्राहक को प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह दंड 21 दिनों के भीतर लागू होगा अगर बैंक, एनबीएफसी या क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (सीआईसी) अपडेटेड क्रेडिट जानकारी नहीं भेजती या आवश्यक सुधार नहीं करती। इस उपाय का उद्देश्य ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा करना है और वित्तीय संस्थानों को शिकायतों को समय पर हल करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा।

साथ ही इसके कारण भी बताना होगा-

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि क्रेडिट जानकारी कंपनियों (CIC) और क्रेडिट संस्थानों (CI) को हर महीने ग्राहकों की क्रेडिट सूचना देनी होगी। इसके अलावा, उन्हें किसी भी शिकायतकर्ता को उनके द्वारा किए गए सभी कदमों का विवरण देना अनिवार्य होगा। RBI ने कहा है कि यदि CI/CIC डेटा सुधार के अनुरोध को अस्वीकार करते हैं, तो उन्हें स्पष्ट कारण बताना होगा। यह ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी जानकारी की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया गया है।

अलर्ट SMS से करें-

आरबीआई ने CIC को यह भी बताया है कि जहां भी संभव हो, ग्राहक को SMS या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए यदि किसी विशिष्ट यूजर ने ग्राहकों की क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट देखी है। यह निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि रिज़र्व बैंक को ग्राहकों की क्रेडिट इंफॉर्मेशन (Credit Information) समय पर अपडेट नहीं होने की शिकायतें मिली थीं।

देश में कितनी CICs हैं?

भारत के रिजर्व बैंक ने चार क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) को अधिकृत किया है: TransUnion CIBIL, CRIF High Mark, Equifax और Experian। इनमें से सीआईबीआईएल मार्केट लीडर (CIBIL Market Leader) है, जो 60 करोड़ लोगों की क्रेडिट जानकारी तक पहुंच रखता है और सभी प्रकार के लेंडर्स के 2,400 सदस्यों से बना है। याद रखें कि आरबीआई द्वारा रेगुलेटेड बैंक और एनबीएफसी (NBFC) सीआईसी को ग्राहकों के लोन डिफ़ॉल्ट (Loan Defaulter) सहित क्रेडिट स्थिति बताते हैं।

क्या क्रेडिट स्कोर है?

किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसके क्रेडिट इतिहास को दिखाता है, जो बताता है कि वह लोन चुकाने में कितना सक्षम है। जब ग्राहक बैंकों से लोन लेते हैं, तो उनकी रीपेमेंट की सूचना क्रेडिट सूचना कंपनियों को भेजी जाती है, जिससे क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है। सस्ती दरों पर लोन मिलने और उच्च क्रेडिट स्कोर मिलने की संभावनाएं बढ़ाता है। साथ ही, बहुत सी कंपनियां अच्छे क्रेडिट स्कोर वालों को विभिन्न लाभ प्रदान करती हैं, जो उन्हें वित्तीय रूप से अधिक सुविधाएं देती हैं।