The Chopal

आम आदमी को झटका! दाल के दामों मे तेजी, सरकार अब इस तरह करेगी काबू

   Follow Us On   follow Us on

The Chopal, नई दिल्ली: अप्रैल महीने में दालों के भाव काबू में रहने के बाद मई के माह में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है. लगभग ढाई हफ्ते में तुवर और उड़द, मूंग और चने की दाल में 2 % की तेजी देखने को मिल भी चुकी है. ऐसे में सरकार ने दालों के दाम को फिर से कंट्रोल के लिए सख्त एडवाइजरी भी जारी कर दी है. पर अब जो भी दालों की जमाखोरी करता भी पाया गया, उस पर बड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. भारत में 70 % तुवर और उड़द की दाल इंपोर्ट भी की जाती है. म्यांमार से दालों को इंपोर्ट कर भारत में बेचा जाता है. ऐसे में सरकार ने इंपोटर्स के लिए एडवाइजरी जारी कर कड़े निर्देश भी जारी किए हैं.

यह भी पढ़ें: इस राज्य के 18 जिलों में लगातार आई है फसल उत्पादन में गिरावट, यह है कारण 

मई में कितनी महंगी हो गई दालें

कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार एक मई को देश में तुअर दाल की औसत की कीमत 116.68 रुपये थी, जो 18 मई को बढ़कर 118.98 रुपये हो गई. उड़द की दाल 108.23 रुपये से 109.44 तक अब आ गई है. मूंग दाल में भी तेजी देखने को मिली है और 18 दिनों में कीमत 107.29 रुपये से 108.41 रुपये प्रति किलो तक हो गई है. चने की दाल भी इस दौरान इजाफा देखने को भी मिला है और इसकी कीमत इस दौरान 73.71 रुपये से बढ़कर 74.23 रुपये प्रति तक किलो हो गई है. मसूर की दाल इस सस्ती हुई है. एक मई को औसत दाम 93.11 रुपये थे जो कम हो कर 92.9 रुपये प्रति किलो तक हो गए.

यह भी पढ़ें: Monsoon 2023: भारत में मानसून की दस्तक में अभी देरी, किसानों को इतने दिन अभी करना पड़ेगा इंतजार

जमाखोरों पर होगी बड़ी कार्रवाई

दालों में महंगाई बढ़ने के बाद सरकार की ओर से इसे काबू करने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है. एडवाइजरी के मुताबिक अगर कोई एक महीने से अधिक समय तक दालों का स्टॉक रखता तो कार्रवाई भी की जाएगी. सरकार ने भी यह भी कहा कि इंपोर्टिड तुअर और उड़द की दाल स्टॉक ना करता पाया जाए. राज्य सरकारों को भी खास निर्देश भी दिया गया है कि अगर कोई तुअर या उड़द की दाल की जमाखोरी करता है तो उस पर तुरंत कार्रवाई करे. साथ ही स्टॉकर्स पर नजर रखे कि कोई भी दालों की जमाखोरी ना कर सके. इससे पहले सरकार ने अप्रैल के महीने में भी जमाखोरों पर कार्रवाई की थी. कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट ने 4 राज्यों के 10 शहरों में 12 लोगों की टीम को भी भेजा था.